3/16/2008

"हो जाने दो "


"हो जाने दो "
ना छुपाओ अपने वजूद को इस जमाने से ,
की ,दुनिया मे ख़ुद की पहचान हो जाने दो.

आईना हूँ , तेरा त्स्सब्बुर नज़र आऊंगा ,
की , मुझे अपने अक्स मे एक बार ढल जाने दो.

मोहब्बत गुनाह ही सही, पर खूबसूरत तो है ,
की , इश्क मे आज अपने बदनाम हो जाने दो.

दिल की धड़कन , शोला -ऐ - एहसास ही सही
की , इस आग मे आज मुझको जल जाने दो.

हाँ, मोहब्बत है मुझसे , ये इकरार कर लो
की , अपने आगोश मे मुझको बिखर जाने दो .....
http://swargvibha.freezoka.com/kavita/all%20kavita/Seema%20Gupta/ho%20jaane%20do.htm (http://www.swargvibha.tk/)

4 comments:

Anonymous said...

Each of your poems are full of Love, affection and Pain and also reflection of true love.

You are really amazing and admirable.

KBC

शैलेश भारतवासी said...

हाँ, मोहब्बत है मुझसे , ये इकरार कर लो
की , अपने आगोश मे मुझको बिखर जाने दो .....
बहुत रोमान्टिक पंक्तियाँ हैं।

अवनीश एस तिवारी said...

यह रचना अच्छी है | आपके और रचनाओं मी मुझे यह विशेष रूप से भायी |

अवनीश

Alpana Verma said...

bahut khuubsurati se bayan ki hai dil ki baat seema :).khuubsurat!