10/30/2011

" मेरी उम्मीदों को नाकाम ना होने देना "















" मेरी उम्मीदों को " ज़िंदगी की उदास राहों में,
कोई एक राह तो ऐसी होगी,
तुम तक जो मुझे लेके चली आयेगी ...
इन बिखरते ओर सम्भालते हुए लम्हात में ,
एक कोई लम्हा भी तो ऐसा होगा,
तेरी खुशबू मुझे महका के चली जायेगी........
ये मोहब्बत के जूनून का ही असर हो शायद ,
तेरे आने की ही आहट कुछ ऐसी होगी,
मेरी साँसों की जो रफ़्तार बढ़ा जायेगी...........
मेरी पल पल की दुआओं में,
कोई एक दुआ तो होगी,
तेरे दरबार में मकबूल करी जायेगी.......
तूने जो मेरी मोहब्बत के लिये होंगे लिखे,
उन्हीं फूलों से एक बार ज़रूर,
खुशबुओं से मेरी आगोश भरी जायेगी........
मैने आवाज़ दुआओं की उठा रक्खी है,
तेरे दरबार में उम्मीद सजा रखी है,
"मेरी उम्मीदों को नाकाम ना होने देना"




http://swargvibha.freezoka.com/kavita/all%20kavita/Seema%20Gupta/meri%20unmeed%20ko%20nakaam.htm



10/19/2011

दुनिया वालों से डर न जाए कहीं


दुनिया वालों से डर न जाए कहीं
इश्क तेरा बिखर न जाए कहीं

डूबता जा रहा है जिसमें तू
वो नदी भी उतर न जाए कहीं

जिस तरफ से पलट के आई मैं
खौफ है तू उधर न जाए कहीं

राह तकती रहूंगी मैं लेकिन
फ़िक्र है तू मुकर न जाए कहीं

दर्द ही दर्द का मुहाफ़िज़ है
दर्द हद से गुज़र न जाए कहीं

सर झुका तो दिया है क़दमों में
बंदगी बे-असर न जाए कहीं

इश्क की बारगाह में "सीमा"
हुस्न खुद ही संवर न जाए कहीं