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खो ना दूँ तुझको इस डर से तुझे कभी मैं पा न सका ,
चाहता रहा शीद्त्त से मगर तुझे कभी जता ना सका.
वीरान आँखों के समुंदर मे अपने आंसुओं को पीता रहा ,
दिल के दर्द की एक झलक भी मगर तुझे दिखा ना सका .
तेरा ख्याल बन कर बिजली और एक तूफान मुझे सताता रहा ,
इश्क मे जलने का सबब मगर तुझे कभी समझा ना सका .
तू बदनाम न हो जाए , मैं जमाने मे गुमनाम सा जीता रहा
लबों पे नाम तो था पर आवाज देकर तुझे बुला ना सका .
तु कभी गैर की न हो जाए ये ख्याल हर पल मुझे डराता रहा
शिकवा आज भी है इस डर से तुझे कभी अपना भी ना सका
उपर वाला बस बेदर्द हो गम की "बिजली" मुझपे ही गीराता रहा,
तुझसे जुदा होके भी अपना आशियाँ झुलसने से मैं बचा ना सका ……-
सीमा गुप्ता
http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_12.html