My Poetry Published in a leading News paper "DAILY PAKISTAN" (Pakistan) 10/11/2011
My Poetry Published in a leading News paper "DAILY PAKISTAN" (Pakistan)
Courtesy : Respected Nasim Shahid ji
I am highly obliged and thankful to Jnab Nasim Shahid ji to give such prestigious space to my "POETRY" in A LEADING NEWSPAPER 'DAILY PAKISTAN" ON 10/11/2011. I am over overwelmd by his kind gesture .
Special thanks to Irum Hashmi to introduec me to Nasim Shahid ji
Sarhad paar ke sabhi Dosto'n ka dil se shukriya.--
"जिन्दगी"
जीने का फकत एक बहाना
कोई नही फ़िर किसे
इक लम्हा प्यार का
ना एहतियात, ना हया,
रिश्तों के उलझे सिरों का
बंजर से नयन, निर्जन ये तन,
जीने का फकत एक बहाना
तलाश करती ये जिन्दगी,
अनचाही किसकी बातें
बेशुमार करती ये जिन्दगी...
कोई नही फ़िर किसे
कल्पना मे आकर देकर,
यहाँ वहां आहटों मे
साकार करती ये जिन्दगी...
इक लम्हा प्यार का
जीने की बेताबी बढा,
खामोशी से एक स्पर्श का
इंतजार करती ये जिन्दगी..
ना एहतियात, ना हया,
ना फ़िक्र किसी जमाने की,
बेबाकी से दर्द का
इजहार करती ये जिन्दगी...
रिश्तों के उलझे सिरों का
कोई छोर नही लेकिन,
हर बेडीयों को तोड़ने का
करार करती ये जिन्दगी...
बंजर से नयन, निर्जन ये तन,
अवसादित मन,
उफ़! इस बेहाली से हर लम्हा
तकरार करती ये जिन्दगी....