
मुहब्बत से रहता है सरशार ये दिल,
सुबह शाम करता है बस प्यार ये दिल.
कहाँ खो गया ख़ुद को अब ढूँढता है,
कहीं भी नहीं उसके आसार-ऐ-दिल.
अजब कर दिया है मोहब्बत ने जादू,
सभी डाल बैठा है हथियार ये दिल.
यही कह रहा है हर बार ये दिल,
बस प्यार-ऐ-दिल बस प्यार-ये दिल.
युगों से तड़पता है उसके लिये ही,
मुहब्बत में जिसकी है बीमार ये दिल
उसकी है यादों में खोया हुआ वो,
ज़रा सोचो है कितना बेकरार ये दिल.
अब अपने खतों में यही लिख रहा है,
तुम्हारा बस तुम्हारा कर्जदार ये दिल
सुबह शाम करता है बस प्यार ये दिल.
कहाँ खो गया ख़ुद को अब ढूँढता है,
कहीं भी नहीं उसके आसार-ऐ-दिल.
अजब कर दिया है मोहब्बत ने जादू,
सभी डाल बैठा है हथियार ये दिल.
यही कह रहा है हर बार ये दिल,
बस प्यार-ऐ-दिल बस प्यार-ये दिल.
युगों से तड़पता है उसके लिये ही,
मुहब्बत में जिसकी है बीमार ये दिल
उसकी है यादों में खोया हुआ वो,
ज़रा सोचो है कितना बेकरार ये दिल.
अब अपने खतों में यही लिख रहा है,
तुम्हारा बस तुम्हारा कर्जदार ये दिल