5/31/2010

वक़्त की गर्द से परे

"वक़्त की गर्द से परे"

वक़्त की गर्द से परे


एक पल तुमको सुन लेती

तारो की आगोश में छिप पर

अक्स तुम्हारा मन में धर लेती

प्रेम ठिठोली चंदा की अठखेली

संग तुम्हारे अंक में भर लेती..

एक पल तुमको सुन लेती.....

नदिया की धारा जुगनु तारा

प्रीत से बोझिल आलम सारा

शीत पवन की तन्हाई को

संग तुम्हारे सुर में सुर देती

एक पल तुमको सुन लेती....

5/11/2010

"सीहोर में कुछ अनमोल और अविस्मरनीय पलो के एहसास. 8.05.2010...."

"एक ख्वाब जो मेरी इन आँखों ने देखा भी नहीं था, मगर सच हो गया "















पद्मश्री बशीर बद्र , पद्मश्री बेकल उत्साही , डॉ राहत इन्दोरी , नुसरत मेहंदी , शकील जमाली , खुरशीद हैदर , अख्तर ग्वालियरी , शाकिर रजा, सिकन्दर हयात गड़बड़ , अतहर सिरोंजी , सुलेमान मजाज , जिया राना, सुश्री राना जेबा , फारुक अंजुम, काजी मालिक नवेद , ताजुद्दीन ताज, मोनिका हठीला मेजर संजय चतुर्वेदी , डॉ आज़म इन महान हस्तियों के बीच पुस्तक विमोचन संपन्न "सीहोर (भोपाल) में पद्मश्री बशीर बद्र जी के साथ कुछ ऐतिहासिक पल.......





















"सीहोर (भोपाल) में मेरे प्रथम काव्य संग्रह " विरह के रंग" का विमोचन सुकवि मोहन राय की स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे में पद्मश्री बशीर बद्र जी, पद्मश्री बेकल उत्साही जी, नुसरत मेहँदी जी , एवं मुख्य अतिथि विधायक रमेश सक्सेना के हाथो संपन हुआ."

























































" शिवना प्रकाशन एवं भोजक परिवार भुज द्वारा सम्मान के अहम यादगार पल "































" कुछ खुशनुमा लम्हे , चंद ब्लोगर साथियों के साथ जिन्होंने उस मंच पर जाने का हौसला दिया..."
""आदरणीय पंकज सुबीर जी का जितना आभार प्रकट किया जाये वो कम रहेगा.....मेरे काव्य संग्रह "विरह के रंग " को इतना बड़ा मंच इतनी महान हस्तियों के बीच प्रदान किया उसके लिए दिल से आभारी रहूंगी......""
सुकवि मोहन राय की स्मृति को संजोने वाले उनके साथी बधाई के पात्र हैं : रमेश सक्सेना
सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरा, पुरस्कार तथा पुस्तक विमोचन समारोह संपन्न
सीहोर () सीहोर की अग्रणी साहित्य प्रकाशन संस्था शिवना प्रकाशन तथा मप्र उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम में शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों मोनिका हठीला की एक खुशबू टहलती रही, सीमा गुप्ता की विरह के रंग, मेजर संजय चतुर्वेदी की चाँद पर चाँदनी नहीं होती तथा डॉ. सुधा ओम ढींगरा की पुस्तक धूप से रूठी चाँदनी का विमोचन किया गया साथ ही डॉ आजम को सुकवि मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया ।
स्थानीय कुइया गार्डन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना, सुकवि स्व. मोहन राय की धर्मपत्नी श्रीमती शशिकला राय सहित पद्मश्री बशीर बद्र, पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी तथा मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहदी सहित सभी शायरों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा सुकवि स्व. मोहन राय के चित्र पर पुष्पाँजलि तथा दीप प्रावलित करके किया । सभी अतिथियों का स्वागत संयोजक श्री राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा आयोजन प्रमुख श्री पुरुषोत्तम कुइया ने किया ।

शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों का विमोचन सभी अतिथियों द्वारा किया गया । विमोचन के पश्चात तीनों उपस्थित लेखकों मोनिका हठीला, सीमा गुप्ता तथा संजय चतुर्वेदी का शिवना प्रकाशन तथा भोजक परिवार भुज द्वारा शाल श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया ।

सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार की घोषणा तथा पुरस्कृत होने वाले कवि डॉ. आजम का संक्षिप्त परिचय चयन समिति की अध्यक्ष तथा स्थानीय महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. श्रीमती पुष्पा दुबे द्वारा दिया गया। पंडित शैलेष तिवारी के स्वस्ति वाचन के बीच अतिथियों द्वारा डॉ. आाम को मंगल तिलक कर, शाल श्रीफल, सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया।

मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना जी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि धन्य हैं शिवना के साथी गण जो कि अपने साथी की स्मृति में इतना भव्य आयोजन कर रहे हैं । श्री सक्सेना ने शिवना प्रकाशन के आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की । पद्मश्री डॉ. बशीर बद्र ने कहा कि सीहोर आना हमेशा से ही मेरे लिये आकर्षण का विषय रहता है क्योंकि यहां पर मुझे बहुत प्यार मिलता हैनुसरत मेहदी ने अपने संबोधन में कहा कि शिवना प्रकाशन के साथियों ने सीहोर में जो भव्य आयोजन रचा है वैसा कम ही देखने को मिलता है शिवना प्रकाशन ने सीहोर में आज इतिहास रच दिया है

कार्यक्र्रम के सूत्रधार द्वय रमेश हठीला तथा पंकज सुबीर ने सभी अतिथियों को शिवना प्रकाशन की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये साथ ही कार्यक्रम संचालक श्री प्रदीप एस चौहान को सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया । कार्यक्रम के द्वितीय चरण में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया शायरों का स्वागत बैज, पुष्पमाला तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर श्री सोनू ठाकुर, विक्की कौशल, सनी गौस्वामी, सुधीर मालवीय, नवेद खान, प्रवीण विश्वकर्मा, प्रकाश अर्श, वीनस केसरी, अंकित सफर, रविकांत पांडे आदि ने किया
पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी, नुसरत मेहदी, शकील जमाली, खुरशीद हैदर, अख्तर ग्वालियरी, शाकिर रजा, सिकन्दर हयात गड़बड़, अतहर सिरोंजी, सुलेमान मजाा, जिया राना, सुश्री राना जेबा, फारुक अंजुम, काजी मलिक नवेद, ताजुद्दीन ताज, मोनिका हठीला, मेजर संजय चतुर्वेदी, सीमा गुप्ता, डॉ. आाम जैसे शायरों की रचनाओं का कुइया गार्डन में उपस्थित श्रोता रात तीन बजे तक आनंद लेते रहे । डॉ. राहत इन्दौरी, बेकल उत्साही, खुर्शीद हैदर जैसे शायरों की गजलों का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया । श्रोताओं से खचाखच भरे मैदान पर देर रात तक काव्य रस की वर्षा होती रही । श्रोताओं ने अपने मनपसंद शायरों से खूब फरमाइश कर करके गजलें सुनीं । कार्यक्रम संचालन प्रदीप एस चौहान ने किया अंत में आभार शिवना प्रकाशन के पंकज सुबीर ने किया ।
http://prosingh.blogspot.com/2010/05/blog-post_30.html