9/10/2008

"दरिया की कहानी "

"दरिया की कहानी"

चश्मे-पुरआब के आगे,
क्या होगी किसी दरिया की रवानी,
रु-ऐ-चश्मतर के आगोश मे पढ़ ले,
हर दरिया की कहानी

(रु-ऐ-चश्मतर- भीगी आंख)
(चश्मे-पुरआब- आंसू भरी आँख)

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_11.html

22 comments:

विवेक सिंह said...

अच्छा है. बेहतरीन है . बधाई.

ताऊ रामपुरिया said...

वाह वाह ! जवाब नही ! कायल हुए
आपके लेखन के ! शुभकामनाएं!

दीपक "तिवारी साहब" said...

रु-ऐ-चश्मतर के आगोश मे पढ़ ले,
हर दरिया की कहानी

अति सुंदर अल्फाज ! धन्यवाद !

Anil Pusadkar said...

kucch shabdon me hi kitna kuchh keh diya aapne .badhai

Rakesh Kaushik said...

it's lovely, really nice. wht a thought. with contrast.

मीत said...

ये दरिया की कहानी तो बहुत ही उम्दा है...
बधाई हो...

डॉ .अनुराग said...

vah kya baat hai ?

Anonymous said...

aansu bade ho gaye
pad gaya samandar chota
vaise bhi duniya bhari hai dukh se
kaise pade iska tota

श्रीकांत पाराशर said...

Wah ji wah. Bahut badhia.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

ek kitab prakashit kara den to ahsaan hoga, ek-ek kar padhne se talab to badhti hai lekin pyas nahi bujhti

Satyendra Prasad Srivastava said...

बहुत अच्छी नज्म। आपने ब्लॉग को बड़ी खूबसूरती से सजाया है।

Arvind Mishra said...

these few lines remind me the saying that brevity is the soul of wit.

Halant said...

सीमा जी ,
आपका ब्लॉग देखा ,
उदास आंखे ,इंतजार,उदासी,तड़फ ,कशिस सब कुछ

इसी कड़ी मे एक शेर मेरा भी

दर्द ही दर्द भर गया दिल मे , इतना हस्सास कर दिया गम ने
जब किसी आँख से गिरा आंसू अपनी आखों पे ले लिया हमने

ज़ाकिर हुसैन said...

चश्मे-पुरआब के आगे,

क्या होगी किसी दरिया की रवानी,

रु-ऐ-चश्मतर के आगोश मे पढ़ ले,

हर दरिया की कहानी


बेहतरीन लाईने!!!!!!!!

Anonymous said...

चार लाईन मेम बहुत कुछ कह दिया,
गागर में जैसे सागर भर दिया !

खुब..

महेन्द्र मिश्र said...

सुंदर अल्फाज,बधाई.

Udan Tashtari said...

कम शब्दों में गहरी बात, बहुत सही.

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आपके आत्मिक स्नेह और सतत हौसला अफजाई से लिए बहुत आभार.

राज भाटिय़ा said...

अति सुनदर
धन्यवाद

अभिन्न said...

बहुत खूब सीमा जी ,बहुत सही कहा आपने ,
आंसुओ के सैलाब के आगे
दरिया की मजाल क्या
वो किनारों में बहती है
ये समंदर को भी डुबो देते है

जितेन्द़ भगत said...

एक प्रसि‍द्ध कवि‍ के लि‍ए कहा गया था,
देखन में छोटे लगे, घाव करे गंभीर

आपके शेरों के बारे में कुछ-कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है।

Mukesh Garg said...

very nice seema ji, ati utam

प्यार की बात said...

Very Interesting Kahani Shared by You. Thank You For Sharing.