10/07/2008

'खैरात'



'खैरात'


कुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह .....

36 comments:

श्रीकांत पाराशर said...

Wah ji wah, gagar men sagar ?

फ़िरदौस ख़ान said...

बहुत ख़ूब...

कुन्नू सिंह said...

कविता बहुत बढीया है!!

पेज रैंक चेक करने के लीये http://www.prchecker.info/check_page_rank.php

ईस लीक से पेज रैंक चेक कीया जा सकता है।

Anonymous said...

bad dua ki khairaat
di to usne
kya pataa
uskaa khjaanaa
khli ho gayaa ho ye dekar

कुन्नू सिंह said...

बहुत बढीया कविता है और ईस कविता की खूबी है की ये एक लाईन का है।

मेरे पहले कमेंट मे नीचे वाला लींक जो दीया है वो गलती से ईसमे पेस्ट हो गया था।

Unknown said...

मैं अब क्या कहूँ दो पक्तियां ही बया कर रही सब कुछ । बहुत सुन्दर

मीत said...

वाह!
बहुत उम्दा...

Anil Pusadkar said...

कम शब्दों मे बहुत बडी बात कह दी आपने।

बवाल said...

क्या बात है सीमाजी ! अहा ! ज़ोरदार शेर !

ताऊ रामपुरिया said...

कुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....

नमन आपको और ढेर सारी शुभकामनाएं !

ज़ाकिर हुसैन said...

बहुत खूब!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

baddua bhi dete hain khairat ki tarah- bhai wah

भूतनाथ said...

बहुत सुंदर ! धन्यवाद !

डॉ .अनुराग said...

ye bhi ek andaaj hai....

पारुल "पुखराज" said...

waah!! kya baat hai...khuub

राज भाटिय़ा said...

आप का अंदाज ही अलग है.... दो शव्दो मे पुरी कहानी कह देती है,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....
धन्यवाद

महेन्द्र मिश्र said...

Oh kya baat hai .

Manuj Mehta said...

Kafiya aacha ban pada hai, umeed hai poori gazal padhne ko bhi milegi. meri shubkamnayen.

mamta said...

बहुत खूब !

अभिन्न said...

लिखते हो हर लफ्ज़ जादुई करामात की तरह
हम दीवाने हुए जाते है दीवाने ख्यालात की तरह

Anonymous said...

do line me kya jabardast baat sameti hai - Wah Wah aur Ek baar aur Wah

रंजन (Ranjan) said...

बहुत कंजुस है आप.. :)
बड़ी-बड़ी बातों के लिये इतने कम शब्द..
बहुत खुब..

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर शेर बधाई हो

मेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा,बधाई.

Satish Saxena said...

बरबस ही मुस्कान आगई आपको पढ़ कर !

CHINMAY said...

kam lafzon me kitna kuchh kah gaye aap......

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

wah, wah, wah.

http//www.ashokvichar.blogspot.com

श्यामल सुमन said...

सीमा जी,

अच्छी पंक्तियाँ हैं। अपनी दो पंक्तियां इसी भाव भूमि पर आपके लिए-

मिलती है खुशबू सुमन को रोज अब खैरात में।
जो फकीरी में लुटाते अब यहाँ फिर कल वहाँ।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

itni tippaniyon me meri tippani kee kya okat,kalyan ho

Rakesh Kaushik said...

ji bahut hi badhiya .
jitna kam shabdo hai. utni hai sarthakta se paripuran hai.

Rakesh Kaushik

Shambhu Choudhary said...

हर पल की जुदाई से तो अच्छा होता,
एक पल भी जुदा न होता
तेरी अदा को देखते रहने के लिये
हर लम्हा थम सा गया होता।
सीमा जी आप न सिर्फ सुन्दर हैं
आपके हृदय में छुपे हर शब्द
मानो कुछ बयान कर रहें हैं
शम्भु

Anonymous said...

मजा आ गया इसे तो पढ़कर!

शाहिद समर said...

कुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,

बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह .....
bahut achchha likha hai badhai

shahid samar

"अर्श" said...

ek mukammal andaj aapka... aapse request hai ke aap se puri ghazal me tabdil karen... bahot hi sundar hai...

regards

Mukesh Garg said...

bahut kuhb likha ahi seema ji,

beautiful

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

सबको कहाँ मिलती हैं बद- दुआओं की भी खैरातें...
कुछ लोग तो इस लायक भी नहीं होते ...
सहे चले जाते हैं उपेक्षाओं के दंश.... ये अपनपी बात किसी से नहीं कहते !!