2/08/2010

"शब्द भी रोने लगे "

"शब्द भी रोने लगे "


निष्प्राण हृदय के ज़ीने पे,
अनुभूतियों के मानचित्र
विद्रोह कर
अपना अस्तित्व संजोने लगे
विवश हो,
अभिव्यक्तियों के काफिले भी
साथ होने लगे......
अश्को के नगीने
बिखर गये
दिल के मलाल
अनुबंधित हो कर
आक्रोश की तलहटी में
एकत्रित होने लगे,
"तब "
भावाग्नि के उच्च ताप से
"शब्द भी रोने लगे ..."