9/29/2008

हवा





"हवा"

ये हवा कुछ ख़ास है, जो तेरे आस पास है,
मुझे छू, मेरा एहसास कराने चली आई ये हवा।

सारी रात मेरे साथ आँसुओं में नहाके,
मेरे दर्द की हर ओस को मुझसे चुराके,
मेरे ज़ख़्मों का हिसाब तेरे पास लाई ये हवा,

ख़ामोश तन्हा से अफ़सानों को अपने लबों पे लाके,
मेरे मुरझाते चेहरे की चमक को मुझसे छुपाके,
भीगे अल्फ़ाज़ों को तुझे सुनाने चली आई ये हवा,
ये हवा कुछ ख़ास है, जो तेरे आस पास है।

तेरे इंतज़ार में सिसकती इन आँखों को सुलगाके,
कुछ तपती झुलसती सिरहन मे ख़ुद को भीगाके,
जलते अँगारों से तुझे सहलाने चली आई ये हवा,
ये हवा कुछ खास है जो तेरे आस पास है।

मुझे ओढ़ कर पहन कर ख़ुद को मुझ में समेटके,
मुझे ज़िन्दगी के वीरान अनसुलझे सवालों मे उलझाके,
मेरे वजूद को तुम्हें जतलाने चली आई ये हवा,
ये हवा कुछ ख़ास है जो तेरे आस पास है







9/27/2008

"दम -ऐ -फिराक"




"दम -ऐ -फिराक"

दम -ऐ -फिराक मे निकली थी जान मेरी ,

फ़िर क्यूँ लिखी गईं सजाएं नाम पे तेरी ???

(दम -ऐ -फिराक- बिछुड़ने की घडी)

9/26/2008

इन्तहा-ऐ-मोहब्बत

"इन्तहा-ऐ-मोहब्बत"

इन्तहा-ऐ-मोहब्बत में ,

सहरा मे बसर हो जाएगा...

ये असरा-ऐ-जूनून लेकर ,

की वो दरिया है इश्क का,

कभी तो उतर आएगा ...

9/24/2008

"पहचान"



"पहचान"

नाम से हुई पहचान हमारी ,
या हमसे नाम का उन्वान हुआ,
बडी पशोपेश मे रही जिन्दगी,
क्या आगाज़ हुआ और,
क्या अंजाम हुआ ???


http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_29.html

9/22/2008

"तसल्ली"



"तसल्ली"

रात भर जागी आँखों को,

ऐ काश वो तसल्ली देता,

"हम सोये क्युं नही" जो

एक बार ही पूछा होता.......

9/16/2008

"इंतजार का लम्हा"



"इंतजार का लम्हा"

इंतजार का लम्हा यूँ भी,
क्या किसी ने देखा होगा
बेखुदी मे सीने की जगह,
"दिल"
जब आंख मे धड़का होगा... ????

9/15/2008

"किसको पता"


"किसको पता"

कोई गोली कहाँ चलेगी , किसको पता,
कोई बम्ब कहाँ फटेगा, किसको पता,

आज अभी तुम मांग सजा लो,
बिंदीया लगा लो,
कब ये मांग सूनी हो जाए किसको पता???

हरी-हरी ये कांच की चूडी जो मन भाए,
गोरे-गोरे हाथों पर तुम इन्हे सजा लो,
कब ये हाथ सुने हो जायें किसको पता???

अपने बाबा की गोदी पर आज ही चढ़कर,
अपने सारी की सारी जिद्द पुरी कर लो,
कब तुम भी लावारिस बन जाओ किसको पता???

नन्ही आँखों से सपना मत देखो ,
की तुम पायलट बनोगे,
कब नीला अम्बर शमशान बन जाए किसको पता???

आओ हम सब मिलकर कुछ ऐसा कर जायें,
हम हिन्दुस्तानी नही झुकेंगे- नही झुकेंगे,
चल जाएगा सब को पता -सब को पता"

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_8542.html

9/12/2008

"आंख भर के"



"आंख भर के"

ना आंख भर के देखा ही किए ,
ना सरगोशीयों की कोई बारात थी ,
मुद्दत से जिसकी तडपते रहे
क्या ये वही मुलाकत थी ...????

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_1251.html

9/11/2008

"आशनाई "






"आशनाई"


'नज़र से नज़र"
कभी मिलाई तो होती....
दिल की बात कभी हमसे भी,
बनाई तो होती....
क्यूँ कर रही शबे-फुरकत से'
आशनाई सारी रात.....
कभी मेरी तरह अंधेरों मे,
"आईने से आंख लडाई तो होती "

(शबे फुरकत- विरह की रात )

9/10/2008

"दरिया की कहानी "

"दरिया की कहानी"

चश्मे-पुरआब के आगे,
क्या होगी किसी दरिया की रवानी,
रु-ऐ-चश्मतर के आगोश मे पढ़ ले,
हर दरिया की कहानी

(रु-ऐ-चश्मतर- भीगी आंख)
(चश्मे-पुरआब- आंसू भरी आँख)

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_11.html

9/08/2008

कैसे भूल जाए


"कैसे भूल जाए"

जिन्दगी की ढलती शाम के ,
किसी चोराहे पर,
तुमसे मुलाकात हो भी जाए...
"वो दर्द-ऐ-गम",
तेरे लिए जो सहे मैंने,
उनको दिल कैसे भूल जाए...

9/06/2008

सजा


"सजा"

आज ख़ुद को एक बेरहम सजा दी मैंने ,
एक तस्वीर थी तेरी वो जला दी मैंने
तेरे वो खत जो मुझे रुला जाते थे
भीगा के आंसुओं से उनमे भी,
" आग लगा दी मैंने ..."

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_06.html

9/05/2008

"मंजिल"




" मंजिल"

मंजिल नहीं थी कोई मगर गामज़न हुए
ख़ुद राह चुन के तेरी तमन्ना लिए हुए

फिर साया मेरा देके दगा चल दिया किधर
हम आईने को तकते रहे जाने किस लिए

दिलदार ने भुला दिया पर हमने उसको यूँ
सजदे सुकून-ऐ-दिल के लिए कितने कर लिए

अल्फाज़ धोका दे गए जब आखिरश हमें
हमने भी उम्र भर के लिए होंठ सी लिए




9/02/2008

"तेरा ख्याल"

"तेरा ख्याल"

ख्याल भी तेरा,
" आज"
मुझे रुला ना सका ,
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद

(शरारा -ऐ-रंज - दुःख की चिंगारी)