हर पल की जुदाई से तो अच्छा होता, एक पल भी जुदा न होता तेरी अदा को देखते रहने के लिये हर लम्हा थम सा गया होता। सीमा जी आप न सिर्फ सुन्दर हैं आपके हृदय में छुपे हर शब्द मानो कुछ बयान कर रहें हैं शम्भु
सबको कहाँ मिलती हैं बद- दुआओं की भी खैरातें... कुछ लोग तो इस लायक भी नहीं होते ... सहे चले जाते हैं उपेक्षाओं के दंश.... ये अपनपी बात किसी से नहीं कहते !!
36 comments:
Wah ji wah, gagar men sagar ?
बहुत ख़ूब...
कविता बहुत बढीया है!!
पेज रैंक चेक करने के लीये http://www.prchecker.info/check_page_rank.php
ईस लीक से पेज रैंक चेक कीया जा सकता है।
bad dua ki khairaat
di to usne
kya pataa
uskaa khjaanaa
khli ho gayaa ho ye dekar
बहुत बढीया कविता है और ईस कविता की खूबी है की ये एक लाईन का है।
मेरे पहले कमेंट मे नीचे वाला लींक जो दीया है वो गलती से ईसमे पेस्ट हो गया था।
मैं अब क्या कहूँ दो पक्तियां ही बया कर रही सब कुछ । बहुत सुन्दर
वाह!
बहुत उम्दा...
कम शब्दों मे बहुत बडी बात कह दी आपने।
क्या बात है सीमाजी ! अहा ! ज़ोरदार शेर !
कुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....
नमन आपको और ढेर सारी शुभकामनाएं !
बहुत खूब!
baddua bhi dete hain khairat ki tarah- bhai wah
बहुत सुंदर ! धन्यवाद !
ye bhi ek andaaj hai....
waah!! kya baat hai...khuub
आप का अंदाज ही अलग है.... दो शव्दो मे पुरी कहानी कह देती है,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....
धन्यवाद
Oh kya baat hai .
Kafiya aacha ban pada hai, umeed hai poori gazal padhne ko bhi milegi. meri shubkamnayen.
बहुत खूब !
लिखते हो हर लफ्ज़ जादुई करामात की तरह
हम दीवाने हुए जाते है दीवाने ख्यालात की तरह
do line me kya jabardast baat sameti hai - Wah Wah aur Ek baar aur Wah
बहुत कंजुस है आप.. :)
बड़ी-बड़ी बातों के लिये इतने कम शब्द..
बहुत खुब..
सुंदर शेर बधाई हो
मेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं
बहुत उम्दा,बधाई.
बरबस ही मुस्कान आगई आपको पढ़ कर !
kam lafzon me kitna kuchh kah gaye aap......
wah, wah, wah.
http//www.ashokvichar.blogspot.com
सीमा जी,
अच्छी पंक्तियाँ हैं। अपनी दो पंक्तियां इसी भाव भूमि पर आपके लिए-
मिलती है खुशबू सुमन को रोज अब खैरात में।
जो फकीरी में लुटाते अब यहाँ फिर कल वहाँ।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
itni tippaniyon me meri tippani kee kya okat,kalyan ho
ji bahut hi badhiya .
jitna kam shabdo hai. utni hai sarthakta se paripuran hai.
Rakesh Kaushik
हर पल की जुदाई से तो अच्छा होता,
एक पल भी जुदा न होता
तेरी अदा को देखते रहने के लिये
हर लम्हा थम सा गया होता।
सीमा जी आप न सिर्फ सुन्दर हैं
आपके हृदय में छुपे हर शब्द
मानो कुछ बयान कर रहें हैं
शम्भु
मजा आ गया इसे तो पढ़कर!
कुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
बददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह .....
bahut achchha likha hai badhai
shahid samar
ek mukammal andaj aapka... aapse request hai ke aap se puri ghazal me tabdil karen... bahot hi sundar hai...
regards
bahut kuhb likha ahi seema ji,
beautiful
सबको कहाँ मिलती हैं बद- दुआओं की भी खैरातें...
कुछ लोग तो इस लायक भी नहीं होते ...
सहे चले जाते हैं उपेक्षाओं के दंश.... ये अपनपी बात किसी से नहीं कहते !!
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