तेरा ख्याल था जेहन मे या नाम लबों पर, आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी बहुत लाजवाब ! आपकी शायरी की कमी अखरी पर आज फ़िर तबियत खिल गई ! शुभकामनाएं !
सीमा जी आपकी रचनाएँ बहुत उम्दा हें, जिनमें दर्द व तड़प अनायास ही उभर आता है. मैं आपकी रचनाओं का नियमित पाठक हूँ आपसे गुजारिश है कि आप कुछ खुशी व उम्मीद जगाने वाली रचनाएं भी करें .
kal ro rahi thi meri nanhi padosan diwaali kaa din tha dari thi pataakhon ki awaaj se khayaal me thi damak achaanak uthi chamak bharaa thaa pet magar maa bhi chup na karaa saki ek choti halchal aur muskaan ne labo par aakar chonkaa hi diyaa bahlaa na sakaa tha koi magar vo muskaan aaj bhi yaad to rahaa aapki post padhne par aur ho kyon na aakhir muskaan hai hi cheej esi
nice lines mam,very nice, you always write very maeningfuln touching lines...keep it up कभी बादलों से जब धूप की कोई किरण झांकती है, किसी मोड़ पर तुम्हारे फिर मिल जाने की एक आस जागती है ।
एक किरण के दिख जाने से दूर नहीं होगा अन्धकार, फिर इन्द्रधनुष बन जाने का सपना क्यों कर होगा साकार ।
अपने पैर घसीटते हुए कब तक चल पाऊंगा लगातार, फट न पड़ें छाले, कहीं बैठ न जाऊं हो कर लाचार ।
मुझे बचा लेना ज़िन्दगी मेरा हाथ अपने हाथों में लेकर, मौत से पहले तुम्हें जी लेना चाहता हूँ एक बार ।
तेरा ख्याल था जेहन में या नाम लबों पर आंखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गई इससे बेहतर अहसासबयानी नहीं हो सकती। और न ही इसकी तारीफ के लिए शब्द हैं। - पांव थकते नहीं आस क्या वस्तु है वो मिलेंगे,ये विश्वास क्या वस्तु है विष औ अमृत में कुछ भेद रखती नहीं बावली हो गई प्यास क्या वस्तु है शूलशय्या पे भी कष्ट मिलता नहीं दर्द सहने का अभ्यास क्या वस्तु है
हर खुशी है लोगो के दामन में, पर एक हॅसी के लिए वक्त नही दिन रात दौडती दुनिया में, जिंदगी के लिए वक्त नही मॉ की लोरी का एहसास तो है, पर मॉं को मॉ कहने का वक्त नही
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके, अब उन्हे दफनाने का भी वक्त नही सारे नाम मोबाइल मे है, पर दोस्ती के लिए वक्त नही गैरों की क्या बात करे, जब अपनों के लिए ही वक्त नही
ऑंखो में है नींद बडी, पर सोने के लिए वक्त नही दिल तो है गमों से भरा पर रोने का भी वक्त नही पैसों की दौड में ऐसे दौडे, की थकने का भी वक्त नही पराए एहसानो की कदर करें कैसे, जब अपने सपनों के लिए ही वक्त नही
तू ही बता ए जिंदगी, इस जिंदगी का क्या होगा की हर पल मरने वालों को, जीने का भी वक्त नही
जमीं बिछी थी....पैरों में धूल भर गयी... इक कतरा जो मिला..बीज को फूल कर गई !! ऐसा गया वो जो,फिर लौट कर ना आया.. रो-रो कर "गाफिल" मेरी आँखें भी निखर गयीं !!
29 comments:
subhan allah!
first nof all welcome back after a gap
vahi dhaar hai shabdo me. imagination adbhut?
bahut achche
Rakesh Kaushik
khoobsurat...
आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी
सीमा जी ,
दीवाली की ढेरो शुभकामना के साथ ,
आंखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गई..
बहोत सुंदर लिखा है आपने..
अर्श
तेरा ख्याल था जेहन मे या नाम लबों पर,
आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी
बहुत लाजवाब ! आपकी शायरी की कमी अखरी पर आज फ़िर तबियत खिल गई ! शुभकामनाएं !
बहुत खूब!
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
बारिक obsevation है। लाजवाब।
तेरा ख्याल था जेहन मे या नाम लबों पर,
आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी
बहुत खूब!
सीमा जी आपकी रचनाएँ बहुत उम्दा हें, जिनमें दर्द व तड़प अनायास ही उभर आता है. मैं आपकी रचनाओं का नियमित पाठक हूँ आपसे गुजारिश है कि आप कुछ खुशी व उम्मीद जगाने वाली रचनाएं भी करें .
खूब अच्छा लीखीं हैं। ईन दो लाईनो मे बहुत कूछ छीपा है। दर्द भी बहुत छीपा है
kal ro rahi thi meri
nanhi padosan
diwaali kaa din tha
dari thi pataakhon ki awaaj se
khayaal me thi damak
achaanak uthi chamak
bharaa thaa pet magar
maa bhi chup na karaa saki
ek choti halchal aur
muskaan ne labo par aakar
chonkaa hi diyaa
bahlaa na sakaa tha koi magar
vo muskaan aaj bhi yaad to rahaa
aapki post padhne par
aur ho kyon na
aakhir
muskaan hai hi cheej esi
is lamha mere saath meri jaan too naheen
ehsaas ki shiddat mujhe bejaan kar gayee
ek pyar ka rishta hai jo janmon se hua saa
ye baat meri zindigi aasaan kar gayee
wo din bhi mujhe yaad hamesha hi rahenge
duniya ko berekhi teri weeraan kar gayee
तेरा ख्याल था जेहन मे या नाम लबों पर,
आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी
बहुत ख़ूब...अच्छा ख़्याल है...
happy new year
of indian mythology
nice lines mam,very nice, you always write very maeningfuln touching lines...keep it up
कभी बादलों से जब धूप की कोई किरण झांकती है,
किसी मोड़ पर तुम्हारे फिर मिल जाने की एक आस जागती है ।
एक किरण के दिख जाने से दूर नहीं होगा अन्धकार,
फिर इन्द्रधनुष बन जाने का सपना क्यों कर होगा साकार ।
अपने पैर घसीटते हुए कब तक चल पाऊंगा लगातार,
फट न पड़ें छाले, कहीं बैठ न जाऊं हो कर लाचार ।
मुझे बचा लेना ज़िन्दगी मेरा हाथ अपने हाथों में लेकर,
मौत से पहले तुम्हें जी लेना चाहता हूँ एक बार ।
बहुत लाजवाब ! धन्यवाद !
वाह!
kya baat hai.!
तेरा ख्याल था जेहन में या नाम लबों पर
आंखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गई
इससे बेहतर अहसासबयानी नहीं हो सकती। और न ही इसकी तारीफ के लिए शब्द हैं।
-
पांव थकते नहीं आस क्या वस्तु है
वो मिलेंगे,ये विश्वास क्या वस्तु है
विष औ अमृत में कुछ भेद रखती नहीं
बावली हो गई प्यास क्या वस्तु है
शूलशय्या पे भी कष्ट मिलता नहीं
दर्द सहने का अभ्यास क्या वस्तु है
तेरा ख्याल था जेहन मे या नाम लबों पर,
आँखों की नमी को तब्दील मुस्कान कर गयी .
बहुत खूब!लाजवाब
जीने का भी वक्त नही
हर खुशी है लोगो के दामन में,
पर एक हॅसी के लिए वक्त नही
दिन रात दौडती दुनिया में,
जिंदगी के लिए वक्त नही
मॉ की लोरी का एहसास तो है,
पर मॉं को मॉ कहने का वक्त नही
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हे दफनाने का भी वक्त नही
सारे नाम मोबाइल मे है,
पर दोस्ती के लिए वक्त नही
गैरों की क्या बात करे,
जब अपनों के लिए ही वक्त नही
ऑंखो में है नींद बडी,
पर सोने के लिए वक्त नही
दिल तो है गमों से भरा
पर रोने का भी वक्त नही
पैसों की दौड में ऐसे दौडे,
की थकने का भी वक्त नही
पराए एहसानो की कदर करें कैसे,
जब अपने सपनों के लिए ही वक्त नही
तू ही बता ए जिंदगी,
इस जिंदगी का क्या होगा
की हर पल मरने वालों को,
जीने का भी वक्त नही
लाजवाब !
बहुत ही खुब , अति सुन्दर
धन्यवाद
बस यही तो ख़ास बात है ना. इतनी बेहतरीन बात इतने सधे अंदाज़ में आप से बेहतर और कौन कहेगा ?
आँखों की नमी में डूबी हुई मुस्कान का
इंतज़ार था ख्वाब औ लब पे मेरे नाम का
http://aapkesamne.blogspot.com
आखों की नमी के तार लब की खुशी से जुड़े हैं। जांच करानी पड़ेगी। शानदार!
kisi ka khyaal hi ye kamaal kar sakta hai..aansuo ko khushi me badlana isi ki karaamaat ho sakti hai...
well said
ab mai kya kahun
hamesha late ho jata hun.
:)
जमीं बिछी थी....पैरों में धूल भर गयी...
इक कतरा जो मिला..बीज को फूल कर गई !!
ऐसा गया वो जो,फिर लौट कर ना आया..
रो-रो कर "गाफिल" मेरी आँखें भी निखर गयीं !!
bahut acche seema ji is too good,
waqii main bahut kuhbsurat linee likhi hai.
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