“बहाने से ही आ ”
मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,
आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,
की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,
आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ
22 comments:
I Loved it Seema..
Every Line is soooooo pure and touching to me..
Truely Mesmerizing..
archeav
great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great,
very-very great seema g
very nice seema ji,
love is blind but us pyar ko samjh pana shyad har kisi ke bas ki baat nhi hai.isiliye uper casper baba ji ka ye sher bhi accha laga
sar jhukaogey toh patthar devta ho jayega�
iitna mat usko chao woh bevafa ho jayega!
Mukesh garg
Seema aseemit hai.
खून के आंसू रोये थे हम
तेरी सूरत न देखकर
खुद पर ही बरसे थे हम
लेकिन अब गम नहीं
kuchlamhe पर आकर
भूल गए हैं सब हम
वाह आपकी कविता पढकर सब दुख दर्द छू मंतर हो जाते हैं
are wah itni achchi kavitayen to abhi padh raha hun ab to roj padha karunga seema ji dhanywad
Mukut Bihari Brandawan Waale bawa ka Bhagat
That's really great creation. i feel it heartly.....
"dil ne kiya majbur kuch is tarah ke
khwabon mein bhi tum aane lage
raat toh kaate nahi kat ti thi aur ab toh
dharkanon mein bhi tum samane lage"
...Ravi
Mere Khwabon me
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
ye paktiya kuch khas pasand aai. very nice.
मेरी मोहब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना में जीना दुशवार हो जाए...
शब्द एहसास की सराहना करते हैं!
बेहद खूबसूरत...बहुत उम्दा...वाह!
वाह सीमा जी मजा आ गया कविता पढकर
Firoz Ahmad
Hi seema ji
i hope you are fine there and i pray with God for your aim .
Realy nice poeam when i read your poeam then touch my heart and i am cool feel .
keep it . have nice time
thank you .
Regards :- Ritesh Kumar Chaudhary .
Doha,Qatar
हर पल हूँ मैँ आपके आस पास, जरा दिल में झाँककर देख तो लीजिए; दोस्त के दिल पुकार सुनके; पास आने की बस एक बहाना चाहिए।
nirbhik prakash
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
bahut achci panktiyaan likhi hain
mukhda bhi sunder hai
wow what a impatient waiting
बहुत खूब.
आ
मुझे फ़िर से छोड जाने के लिये आ
आ मुझे फ़िर सताने के लिये आ
आ मेरी सोई यादो को जगाने के लिये आ
किस किस को सुनायेगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफ़ा है ये दिखाने के लिये आ
:)
बेहतरीन रचना.
अति सुंदर.
दिल के भीतर गहराइयों में उतरती हुई एक कविता.
दिल को छू लेने वाली रचना
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
bahut khoob......ranjish hi sahi ko yaad dila diya aapne....
bahut hi sundar likha hai
bahut hi behatareen aur lajawaab rachna hai aapki...
Words nahi hai is ki tareef ke liye...
MY blog - http://tanhaaiyan.blogspot.com
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