7/24/2008

“बहाने से ही आ ”





“बहाने से ही आ ”


मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,

तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,

आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .


तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,

मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,

आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .


इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,

की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .


ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,

की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,

आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ










22 comments:

Anonymous said...

I Loved it Seema..

Every Line is soooooo pure and touching to me..

Truely Mesmerizing..

archeav

Anonymous said...

great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great, great,

very-very great seema g

Anonymous said...

very nice seema ji,

love is blind but us pyar ko samjh pana shyad har kisi ke bas ki baat nhi hai.isiliye uper casper baba ji ka ye sher bhi accha laga

sar jhukaogey toh patthar devta ho jayega�
iitna mat usko chao woh bevafa ho jayega!

Mukesh garg

Anonymous said...
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'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

Seema aseemit hai.

मोहन वशिष्‍ठ said...

खून के आंसू रोये थे हम
तेरी सूरत न देखकर
खुद पर ही बरसे थे हम
लेकिन अब गम नहीं
kuchlamhe पर आकर
भूल गए हैं सब हम
वाह आपकी कविता पढकर सब दुख दर्द छू मंतर हो जाते हैं

Anonymous said...

are wah itni achchi kavitayen to abhi padh raha hun ab to roj padha karunga seema ji dhanywad


Mukut Bihari Brandawan Waale bawa ka Bhagat

Dr. Ravi Srivastava said...

That's really great creation. i feel it heartly.....

"dil ne kiya majbur kuch is tarah ke
khwabon mein bhi tum aane lage
raat toh kaate nahi kat ti thi aur ab toh
dharkanon mein bhi tum samane lage"

...Ravi
Mere Khwabon me
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/

Anonymous said...

तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
ye paktiya kuch khas pasand aai. very nice.

Vinay said...

मेरी मोहब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना में जीना दुशवार हो जाए...

शब्द एहसास की सराहना करते हैं!

Udan Tashtari said...

बेहद खूबसूरत...बहुत उम्दा...वाह!

Anonymous said...

वाह सीमा जी मजा आ गया कविता पढकर
Firoz Ahmad

Anonymous said...

Hi seema ji
i hope you are fine there and i pray with God for your aim .
Realy nice poeam when i read your poeam then touch my heart and i am cool feel .
keep it . have nice time

thank you .
Regards :- Ritesh Kumar Chaudhary .
Doha,Qatar

Anonymous said...

हर पल हूँ मैँ आपके आस पास, जरा दिल में झाँककर देख तो लीजिए; दोस्त के दिल पुकार सुनके; पास आने की बस एक बहाना चाहिए।
nirbhik prakash

Anonymous said...

तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
bahut achci panktiyaan likhi hain
mukhda bhi sunder hai

Anonymous said...

wow what a impatient waiting

Arun Arora said...

बहुत खूब.

मुझे फ़िर से छोड जाने के लिये आ
आ मुझे फ़िर सताने के लिये आ
आ मेरी सोई यादो को जगाने के लिये आ
किस किस को सुनायेगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफ़ा है ये दिखाने के लिये आ
:)

बालकिशन said...

बेहतरीन रचना.
अति सुंदर.
दिल के भीतर गहराइयों में उतरती हुई एक कविता.

vipinkizindagi said...

दिल को छू लेने वाली रचना

डॉ .अनुराग said...

इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,

की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .


bahut khoob......ranjish hi sahi ko yaad dila diya aapne....

रंजू भाटिया said...

bahut hi sundar likha hai

Yogi said...

bahut hi behatareen aur lajawaab rachna hai aapki...

Words nahi hai is ki tareef ke liye...

MY blog - http://tanhaaiyan.blogspot.com