8/23/2008

तलाश

"तलाश"


जिन्दगी की धुप ने झुलसा दिया,
एक शीतल छावं की तलाश है...
रंज उल्फ़त नफरत से निबाह किया,
एक दर्द-मंद दिल की तलाश है.......
रास्तों मे मंजिलें भटक गईं ,
एक ठहरे गावं की तलाश है .........

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/08/blog-post_1172.html

14 comments:

Advocate Rashmi saurana said...

vah bhut hi gahari baat kahi aapne. ati uttam.

अमिताभ मीत said...

शहर का शहर जब भटक रहा हो सड़कों पर
गाँव की, दश्त की, अपनी .. कमी सताती है

Anonymous said...

What should be a comment on this ? actually no comment can do justice with these lines yaar....you are truely devoted to writing and each time you pick the pen , a new wonder born......keep it up seema......very nice lines.....

Anil Pusadkar said...

aapki kalm ko kisi ki nazar na lage

संगीता पुरी said...

बहुत खूब। बहqत अच्छा।

अभिन्न said...

रास्तों मे मंजिलें भटक गईं ,

एक ठहरे गावं की तलाश है .........
बहुत अच्छी रचना है हर आदमी को तलाश है अपने वजूद की ....
रहा उम्र भर मै जिसकी तलाश में,
मरते दम पता चला,
वो रहते थे दिल के पास में

'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

साया मिला तो धुप का एहसास हो गया"....यह कभी मैने अपनी डेयरी के कवर पर लिखा . ..........आज आप की कलम साकार होता हुआ है .
झुलसे है चेहरे ,साए की तलाश , आप के चित्रों में में बहोत चमत्कारी लगता है ................मुझे अनायास ही एक गीत की पंक्ति की गुनगुनाहट महसूस होने लगती है.....वो सुबह कभी तो आएगी जब का आँचल ढलकेगा ...........और सोचता हूँ हूँ तलाश मंजिल तक टो पहुंचायेगी ........

Sanjeet Tripathi said...

तलाश…………
यह तलाश ही तो है जो हमसे सब कुछ करवाती है।

बढ़िया रचना।

श्यामल सुमन said...

बहुत सुंदर सीमा जी. बधाई. इसमे कुछ जोड़ते हुए -

प्यार की डगर पे कभी थके नहीं.
मुझे वैसे ही पांव की तलाश है..

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

Anonymous said...

seemaji
Aapaki khubsurat panktiyan padh kar jane kyon Munawwar Rana ka ek sher sunane ka man ho aya jo is tarah hai
AMEERE SHAHAR KA RISTE MEN KOI KUCHH NAHIN LAGATA
GARIBI CHAND KO BHI APANA MAMA MAN LETI HAI

डॉ .अनुराग said...

ek thahre gaanv ki talaash hai...bahut achhe .....
bas ek mashvara in panktiyo ke beech gap na de...

vipinkizindagi said...

बहुत अच्छा।

महेन्द्र मिश्र said...

जिन्दगी की धुप ने झुलसा दिया,

एक शीतल छावं की तलाश है...

apki lekhani har baar padhane ko man karata hai . bahut sundar abhivyakti .

"अर्श" said...

रंज उल्फ़त नफरत से निबाह किया,
एक दर्द-मंद दिल की तलाश है.......


umdda bat kahi hai aapne bahot badhiya hai,sonch kafi gahari hai talash bhi kafi jabardast hai mushkil hai namumkin nahi ,,bahot achhi rachana hai seema jee.........


regards
"Arsh"