"दोषी कौन"
मैं ताज .....
भारत की गरिमा
शानो शौकत की मिसाल
शिल्प की अद्भुत कला
आकाश की ऊँचाइयों को
चूमती मेरी इमारतें ,
शान्ति का प्रतीक ...
आज आंसुओं से सराबोर हूँ
मेरा सीना छलनी
जिस्म यहाँ वहां बिखरा पढा
आग की लपटों मे तडपता हुआ,
आवाक मूक दर्शक बन
अपनी तबाही देख रहा हूँ
व्यथित हूँ व्याकुल हूँ आक्रोशित हूँ
मुझे कितने मासूम निर्दोष लोगों की
कब्रगाह बना दिया गया...
मेरी आग में जुल्स्ती तडपती,
रूहें उनका करुण रुदन ,
क्या किसी को सुनाई नही पढ़ता..
क्या दोष था मेरा ....
क्या दोष था इन जीवित आत्माओं का ...
अगर नही, तो फ़िर दोषी कौन....
दोषी कौन, दोषी कौन, दोषी कौन?????
http://hindivangmay1.blogspot.com/2008/11/blog-post_29.html
http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/S/SeemaGupta/doshee_kaun.htm
30 comments:
ॐ शान्तिः।
कोई शब्द नहीं हैं...।
बस...।
स्ताभ्द दुखी और शोकाकुल हूँ..
सीमा जी हम सब तो इस गहरे संकट को झेल रहे हैं और मेरे तो रोंगटे अब भी खड़े हो जाते हैं जब मैंने उन तीन लोगों को अपनी आंखो से फायरिंग करते और ग्रेनेड फेंकते वी.टी. रेलवे स्टेशन पर देखा मैं भाग्यशाली रहा कि ये सब लिख पाने के लिये जिंदा हूं। ईश्वर नहीं रहे मासूमों को शान्ति दे..
अगर नही, तो फ़िर दोषी कौन....
दोषी कौन, दोषी कौन, दोषी कौन?????
आत्मा को झकझोरता हुआ सवाल ?
दोषी है हमारा नेतृत्व
और चुप रहने के लिए हम भी !
अब आपके हमारे जैसे
आम आदमी ने सवाल
उठाने शुरू कर दिए हैं
तो अब उम्मीद की जा सकती है
की अब और ताज नही रौंदा जायेगा !
http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2008/11/blog-post_28.html
अपनी एक जुटता का परिचय दे रहा हैं हिन्दी ब्लॉग समाज । आप भी इस चित्र को डाले और अपने आक्रोश को व्यक्त करे । ये चित्र हमारे शोक का नहीं हमारे आक्रोश का प्रतीक हैं । आप भी साथ दे । जितने ब्लॉग पर हो सके इस चित्र को लगाए । ये चित्र हमारी कमजोरी का नहीं , हमारे विलाप का नहीं हमारे क्रोध और आक्रोश का प्रतीक हैं । आईये अपने तिरंगे को भी याद करे और याद रखे की देश हमारा हैं ।
दोषी है हम सब ।टुकडों मे बंटे भारतवासी।
दोषी हम हैं, वो हैं या समय - क्या कहें?
सब कुछ ठीक हो जाएगा...
चिंता ना कीजिये...
--मीत
Very Real. If Taj had few worlds to say, it would have been same worlds..
Left the hair raising effect within me (specially the last paragraph)..
Very relevant!
sharmnak, dukhad, nindneeya.
sabhi shido ko shadhanjali.
निन्दा से काम नहीं चलने वाला, हर भारतीय को यह समझना होगा कि कल यह आग उसके घर तक भी पहुंच सकती है, अपने लिये तैयार करें, आत्मरक्षा और हथियार चलाने का प्रशिक्षण लें, जैसा कि इजरायल में किया जाता है.
जिस्म यहाँ वहां बिखरा पढा
आग की लपटों मे तडपता हुआ,
आवाक मूक दर्शक बन
अपनी तबाही देख रहा हूँ
पहले तो आपने जो लिखा हे उसके बारे में क्या कहें एक एक शब्द तडप रहा है चिल्ला रहा है और मानों कह रहा हो कि हे भारतवासियों बचा लो इस भारत को बचा लो अपने आप को अपनी रक्षा में हाथ पैर चला लो लेकिन हम कैसे हाथ पैर चला सकते हें हम तो बुत बने हुए हैं ना
बचपन में कविता पढते थे स्कूल में नारे लगाते थे सब कुछ करते थे लेकिन कहां गई वो भावना जागो और इस आतंक का मुकाबला करो आज ये नारा होना चाहिए
Madam
One of the best of your poem and at the right time.
Terrorism has destroyed one of best architecture of India beside taking lot of valuable life’s
WHOM TO BLAME it is us only who are at fault. Until or unless we all come over from state, language, politics and religion limits, this type of things will continue to happen
With Kind regards,
VIPUL
ham sab.
दोषी हम हैं???
doshi....!!??ham aur hamara dhladhalapan.....!!!!
Seemaji,
Jo kuchh bhee hua usase sara desh stabdh hai.har vyakti men akrosh hai,bhavnaen hain...koi use shbdon men vyakt kar raha hai koi..chitron men.Apka shok vala chitra mainen bhee apnee aj kee post men dal diya hai........mery chinta bachchon ko le kar adhik rahtee hai,use hee blog men abhivyakt karne kee koshish kee hai ...aj kee post men.
Hemant Kumar
doshi...??sirf vo jihone yahaan janm liya...aur ab sab kuch ko tukur-tukur dekhne ke sivaa khuchh nahi kar sakte...!!koi bandook lekar thode hi naa chaltaa hai...
दमदार नेता देश में न होने के कारण हजारो बेगुनाह लोगो की जाने जा रही है अब समय आ गया है कि इनसे निपटने एक जल्दी कार्य योजना बनाई जाए . नेताओ की करनी और कथनी में अन्तर है और इसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहे है .
ताज के बहाने भारत माता को चित्रित किया है आपने -कारुणिक और मर्मस्पर्शी !
"क्या दोष था मेरा ....
क्या दोष था इन जीवित आत्माओं का ..."
बहुत दुखद!
Ekdum baja farmaya jee, Taj ne. Hind ke liye sharmsaaree ka sabab hai ye haadisaa. Kabhee na ho aisa phir kabhee na ho ! Alas !
Sardard-E-Hind !
Dildard-E-Hind !
dosi hai vot kee rajniti, jo afjal ko sambhal kar rakhati hai or sadhvi ko aatanvadi sabit karne par tuli hai.taki hindu aatankwad ko sabit kiya ja sake. narayan narayan
heart breaking terror event
they are cowards,
thanks to those who are respecting nation.
kitne phelu hain aur kitne najariy aur kab tak janege haqiqat kiya daman pe laga kab chipate rahainge....
ek baad ek daag lagta rahega poora daman daagon se bhar jayega phir usi liwaas ki aadat ho jayegi....
phir koi poochega aapne naqab kyun phena hai? ->
mai nahi janta jo doshi hai usse poocho .....
phir wahi sawal doshi kaun???
एक दर्पण,दो पहलू और ना जाने कितने नजरिये /एक सिपाही और एक अमर शहीद का दर्पण और एक आवाज
अक्षय,अमर,अमिट है मेरा अस्तित्व वो शहीद मैं हूं
मेरा जीवित कोई अस्तित्व नही पर तेरा जीवन मैं हूं
पर तेरा जीवन मैं हूं
अक्षय-मन
संवेदनशील पोस्ट!
दोषी कौन ????
हम सब को पता है दोषी कौन है ,वही जो खादी में लिपटे हुए है, सत्ता से चिपटे हुए है,जिनको इंसान से ज्यादा वोट प्यारी है,दोषी वही है जो देश की इज्ज़त आबरू का सौदा करके ऐशो आराम से जी रहे है .......काश आज सुभाष चंद्र बोस ,सरदार पटेल जैसी हस्तियां जिन्दा होती .....काश .......
seema ji , 1st to marne wale un sabhi logo ko sardhanjili arpit karna chuhnga .
wesse jo hua wo bahut bura tha,dekha jaye to humare desh ke neta ho police ho sab ke sab karapt hai, samunder se lekar hotel tak unki koi cheking nhi hui tajub hai, dekha jaye to kuch hotel walo ki bhi galti thi ki itna sara vishfotak waha pahucha or kisi ne dekha tak nhi yaha tak pata bhi na chla.....
agar dosh dene par aaye to hum bhi kam nhi,hum bhi apni aan bachane ke chakar main apni aankh band kar lete hai.
I really appreciate your site. Thank you for your insights and guidance.
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