wah bahut khoob
rubaaii to khoob-behatar hai!
टीस को सही उभारा गया है। लाजवाब।
too good yaar......
ek chubne wali tees de di aapne yahan.zakhmo ko hra karne ke liye shukariaRakesh Kaushik
चंद लाइनों के द्वारा आपने अभिव्यक्ति को पूर्ण किया है
मुद्दत से जिसकी तडपते रहेक्या ये वही मुलाकत थी ...????बधाई के साथ २ यह भी कहूंगा की अपने फन कीउस्ताद हैं आप ! शुभकामनाएं !
hoon! shayad ye wahi mulaqat thi...jari rahe..ye mulaqat..
वाह सीमा जी थोडा लिखा बहुत ही सटीक लिखा बहुत अच्छी है रचना
ना आंख भर के देखा ही किए ,ना सरगोशीयों की कोई बारात थी ,मुद्दत से जिसकी तडपते रहेक्या ये वही मुलाकत थी ...????.......................न अब, न आज न कल तक फारिग न हो ये अजल तक उठे थे दुआ में हाथ जिसके लिए क्या ये वही मुलाकात थी ????
Dil ki Tees ko bahut hi sundarata ke sath apne post me ukera hai . kam shabdo me itni badhiya sachitr rachana . badhai.
अच्छा लिखा है बधाई.
Bahut pyara qata hai.
यूँ ही लम्हे गुजरते रहते हैंएक यार के इंतजार मेंये लम्हे ही दिन और साल बन जाते हैं।बस इंतजार में जो कभी हाथ नही आता है।
Bahut khub...
क्षणिकाओं की तर्ज पर ये दो लाईना शायरी जोरदार चल रही है !
क्या ये वही मुलाकात थी ? बताइये भला!
milne na diya jinhe andhiyon nevo tadap aaj bhi kayam haimilkar n milne ka vo sulukkya gajab hai
Bahut hi badhia seema ji...Jitne kam shabd haiutni hi gehri baat keh di aapne...Too good...
श्रेष्ठ कार्य किये हैं.आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/http://hamzabaan.blogspot.com/http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
ना आंख भर के देखा ही किए ,ना सरगोशीयों की कोई बारात थी ,मुद्दत से जिसकी तडपते रहेक्या ये वही मुलाकत थी ...????very nice seema ji
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22 comments:
wah bahut khoob
rubaaii to khoob-behatar hai!
टीस को सही उभारा गया है। लाजवाब।
too good yaar......
ek chubne wali tees de di aapne yahan.
zakhmo ko hra karne ke liye shukaria
Rakesh Kaushik
चंद लाइनों के द्वारा आपने अभिव्यक्ति को पूर्ण किया है
मुद्दत से जिसकी तडपते रहे
क्या ये वही मुलाकत थी ...????
बधाई के साथ २ यह भी कहूंगा की अपने फन की
उस्ताद हैं आप ! शुभकामनाएं !
hoon! shayad ye wahi mulaqat thi...
jari rahe..
ye mulaqat..
वाह सीमा जी
थोडा लिखा बहुत ही सटीक लिखा बहुत अच्छी है रचना
ना आंख भर के देखा ही किए ,
ना सरगोशीयों की कोई बारात थी ,
मुद्दत से जिसकी तडपते रहे
क्या ये वही मुलाकत थी ...????
............
...........
न अब, न आज न कल तक
फारिग न हो ये अजल तक
उठे थे दुआ में हाथ जिसके लिए
क्या ये वही मुलाकात थी ????
wah bahut khoob
Dil ki Tees ko bahut hi sundarata ke sath apne post me ukera hai . kam shabdo me itni badhiya sachitr rachana . badhai.
अच्छा लिखा है बधाई.
Bahut pyara qata hai.
यूँ ही लम्हे गुजरते रहते हैं
एक यार के इंतजार में
ये लम्हे ही दिन और साल बन जाते हैं।
बस इंतजार में जो कभी हाथ नही आता है।
Bahut khub...
क्षणिकाओं की तर्ज पर ये दो लाईना शायरी जोरदार चल रही है !
क्या ये वही मुलाकात थी ?
बताइये भला!
milne na diya jinhe andhiyon ne
vo tadap aaj bhi kayam hai
milkar n milne ka vo suluk
kya gajab hai
Bahut hi badhia seema ji...
Jitne kam shabd hai
utni hi gehri baat keh di aapne...
Too good...
श्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
ना आंख भर के देखा ही किए ,
ना सरगोशीयों की कोई बारात थी ,
मुद्दत से जिसकी तडपते रहे
क्या ये वही मुलाकत थी ...????
very nice seema ji
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