" आज" मैं फ़िर शब्द ढुन्ढ रहा हूँ ! आप इतने कम शब्दों में कैसे अपने आप को इतनी खूबसूरती से व्यक्त कर लेती हैं ! हम तो इतनी सी बात कहने के लिए भी पन्ने के पन्ने रंग डालते हैं ! हमेशा की तरह खुबसूरत ...! मेरे ब्लॉग पर आपका लिंक रहा दे रहा हूँ आपको कोई ऐतराज तो नही ?
21 comments:
really good one...
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
khoobsurat likha hai....
kam shbdon mein itni gahrai koi apse sikhe......
mujhe aisa lagta tha ki dard-e-dil ko bayan nahin kiya jaa sakta, lekin mera khayal galat tha
aap ne hume apna kayal bna liya hai.
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
saari shikayte hi door kar di
good thought....
kitna zaalim hua khayaal uska
jab bhi aaya tujhe rulaya hai
dil ka sauda hua sharaare say
shararay-e-ranj bhi kya sharaara hai
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
shandar!!!!!!!!!!!!!!
बहुत ही बढ़िया, अति उत्तम।।।।
अच्छी पोस्ट
बहुत अच्छा लिखा है।
बहुत सुंदर!
सर भी भारी नहीं ये दिल भी आज दुखता नहीं,
बाद मुद्दत के मेरे आंसू बाँध तोड़ चले!
" आज"
मैं फ़िर शब्द ढुन्ढ रहा हूँ ! आप
इतने कम शब्दों में कैसे अपने आप को
इतनी खूबसूरती से व्यक्त कर लेती हैं !
हम तो इतनी सी बात कहने के लिए भी
पन्ने के पन्ने रंग डालते हैं ! हमेशा की
तरह खुबसूरत ...! मेरे ब्लॉग पर आपका लिंक
रहा दे रहा हूँ आपको कोई ऐतराज तो नही ?
बहुत ही खूबसूरत रचना है जी , थोड़े शब्दों में बहुत गहरी और तडपती हुई बात कह दी गई है
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
waah kya baat hai
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
subhanaalah.....
शरारा -ऐ-रंज का दिल से
कोई सौदा हुआ शायद
क्या बात हे, चार शव्दो मे सारी हकिकत व्यान कर दी आप ने.
धन्यवाद
बहुत खूब।
देखने में छोटी मगर, घाव करे गम्भीर।
"गणपति बब्बा मोरिया अगले बरस फ़िर से आ"
श्री गणेश पर्व की हार्दिक शुभकामनाये .....
Wah
न्यूनतम शब्द प्रयोग....
अधिकतम अनुभूति...
आपको बधाई..SEEMA g
bhut khub. jari rhe.
kuch hi sabdo main itna kuch likh dena yahi ek lekhak ki pechan banati hai or aap in sab main se sabse uper ho.
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