मालूम सबब है हमको आंखों के उनींदेपन का / पूछ भी लिया होता तो कुछ न हुआ होता / शिकायत भी नही करते अब आँख न लगने की जब आदत सी हो गई है रात रात भर जगने की
मेरा सौभाग्य कि आपका ब्लाग दिखा सुबह से देखना व् पढ़ना शुरू किया दोपहर होगी यह सोचते हुए कि रचनाओं के मुताबिक तस्वीरें चुनी गई है या पहले तस्वीर सेलेक्ट कर फिर रचनाये लिखी गई है =चित्र और कविता का ऐसा सामंजस्य आज तक देखा न था
27 comments:
चन्द शब्दों में ही पूरी बात कह जाते है..
बहुत सुन्दर.. बहुत अच्छी लगी ये लाइने..
बहुत सुन्दर लिखा है। एक सुन्दर एहसास।
्क्या बात है
कैसे पूछता वो, हालात-ए-रात तेरे....
यादों में तेरी मिट कर,
वो जनाजे पे है लेटा...
खूबसूरत...
वेल सैड...
well said.....
अद्भुत !!!
शुभकामनाएं !
raat me jaagti aankho se soye aadmi ko dekhaa
subah pataa chalaa ki aankhe nakali thi
चंद शब्दों और दो लाइन में ही पूरी बात समा गई। बधाई।
मालूम सबब है हमको
आंखों के उनींदेपन का /
पूछ भी लिया होता
तो कुछ न हुआ होता /
शिकायत भी नही करते
अब आँख न लगने की
जब आदत सी हो गई है
रात रात भर जगने की
khoobsoorat khayal
good lines
regards
पूछना तो दूर
वो तो
हमसे नज़रें भी नही मिलाते
जागी जागी सी आंखें
उनींदी जो दिखती है उन्हें।
bahut hi umda likhti hai...bahut achha laga.
खूबसूरत !
soch se bhee pare hai aapke shabd
govind goyal sriganganagar
जागती आँखों में किसी का इंतिज़ार ही नींद न आने का बाइस है, बहुत अच्छे!
सुन्दर !!
nice lines of nice feeling.
समुद्र से भी ज्यादा गहराई है!
क्या बात हे दो लाईनो मे सारी बात सारे गिले शिकवे.
धन्यवाद
अच्छा कहा लेकिन तस्स्ली की जगह तसल्ली नहीं होगा क्या यहां?
bahut achchi kavita hai. bahut kam shabdo me bahut unchi baat kehne ka madda hai aapme.
ab or main kya kahun oro ne hi bahut kuch keh diya hai.
Rakesh Kaushik
मेरा सौभाग्य कि आपका ब्लाग दिखा सुबह से देखना व् पढ़ना शुरू किया दोपहर होगी यह सोचते हुए कि रचनाओं के मुताबिक तस्वीरें चुनी गई है या पहले तस्वीर सेलेक्ट कर फिर रचनाये लिखी गई है =चित्र और कविता का ऐसा सामंजस्य आज तक देखा न था
Is haseen savaal ka javaab bada mushkil hai !
aur jo ye boojh paye, kahte hain vo kamil hai !!
रात भर जागी आँखों को,
ऐ काश वो तसल्ली देता,
"हम सोये क्युं नही" जो
एक बार ही पूछा होता.......
bahut hi acchi lines hai seema ji,shyad har pyar karne wale ki kismat main yahi likha hota hai.
अगर जो पूछ भी लेता
तो नीद आ जाती ??
इतना मत सोच...
मत सोच !!
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