"याद तो फिर भी आओगे "
बस चित्र धूमिल कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
हंसना रोना कोई गीत पुराना
सुर सरगम का साज बजाना
शब्द ताल ले जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
सुनी राहे, दिल थाम के चलना
साथ बिताये पलो का छलना
सब खाली कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
http://vangmaypatrika.blogspot.com/2009/09/blog-post_13.html
53 comments:
याद तो फिर भी आओगे -
खूबसूरत भाव समेटे अच्छी रचना बन पड़ी है सीमा जी।
याद तो फ़िर भी आओगे/बच के किधर जाओगे। :)
waah waah waah.
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
-bahut jabardast!! behtarin!!
सुन्दर मनोभावों की कविता -प्लीज फाँट छोटा कर देगीं ?
इतनी मुहब्बत से भावनाएं जो यूँ बुलाएंगी ...याद कौन नहीं आयेगा ..याद किसे नहीं आयेगी ..!!
स्वपनिल
जीवन में तो यादें,
आती जाती रहती हैं।
कितनो को सरसाती हैं,
कितनो को तड़पाती है।
बहुत भावुक कर देती हैं आप। एक बार फिर आँखे नम हो गयीं।
आदरणीय अरविन्द जी ध्यान दिलाने का आभार शायद अब फाँट ठीक है....
regards
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
sundar kavita ..
yaaden hi to rah jaati hain!
That is fantastic.
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
These lines are the heart of the poem.
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
बहुत खूबसूरत भाव और उतनी ही सुंदर अभिव्यक्ति.
रामराम.
bahut sunder ehsaas liye hai rachana,sach yaad bahut aaoge tum,
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
बहुत सुन्दर दिल को छू गयी कुछ एहसास ऐसे ही होते हैं शुभकामनायें
खूबसूरत भावों के साथ खूबसूरत रचना !!
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
वाह... और आह... दोनों निकला रहे हैं...
मीत
सम्मोहक अल्फ़ाज़ में पिरोई गई शानदार अभिव्यक्ति..
हैपी ब्लॉगिंग.
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
bahoot ही khoobsoorat ehsaas है इस rachna में ........... lajawaab लिखा है
सच much याद तो फिर भी aaoge .........
गीत की सरलता ही गीत की सुन्दरता है!
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
waaqai mein yaaden hi rah jaatin hain......
----------------------------
plz zara yeh bataiyega ki aapne cursor ko kaise change kiya hai?
सुंदर भाव.
बहुत ही बढिया रचना है।बधाई।
वाह जी वाह सीमा जी हमेशा की तरह बेहतरीन लेकिन थोडा समय अंतराल को कम करो पहले की तरह बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई
नोट : आजकल समस्त ब्लाग जगत के ब्लागर मुझसे पता नहीं किस बात पर नाराज हैं कि कभी मेरे मन की बात जानने की कोशिश भी नहीं करते खासकर बहुत सारे हैं नाम नहीं लूंगा अपने आप जान जाएंगे अगर इस नाचीज से कोई चूक हो गई हो तो माफी चाहूंगा और तनिक हमारे मन की गली में आकर हमारा मार्गदर्शन कर दें आप सभी
वाकई बेहद खुब्सूरत होती है यादे .......यादे मिटती नही है .....बहुत ही खुबसूरत रचना
हंसना रोना कोई गीत पुराना
सुर सरगम का साज बजाना
शब्द ताल ले जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
लाजवाब रचना...बधाई...
नीरज
सुन्दर लाजवाब कविता....
याद तो फिर भी आओगे... बहुत सुंदर जी
नितान्त अपनी तो सिर्फ़ यादें ही होती है..शाश्वत..भावस्पर्शी रचना
...... याद तो फिर भी आओगे !!
आदरणीय सीमा जी, खूबसूरत भाव व सुंदर अभिव्यक्ति युक्त रचना बहुत अच्छी लगी, धन्यवाद ।
गहरे अहसास समेटे बहुत सुन्दर रचना
आभार !
********************************
प्रत्येक बुधवार
सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
********************************
क्रियेटिव मंच
seema ji..blog par aa kar itna encouraging comment dene ke liye dil se shukriya..naya hun yanha par..ummeed hai aage bhi aapke sujhaav milte rahenge.!!
Thanks
bahut khub sima ...
----- eksacchai.{ AAWAZ }
http://eksachhai.blogspot.com
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. गिनी चुनी रचनाओं में से एक.
aadarniya,
kaafi arse baad aap mere blog par aai, sukoon mila aapki chhoti kintu hradaysparshi tippani se.
YAAD hoti hi esi mansik upaj he jo kisi bhi haal me insaan ko udvelit karti rahti he/ bhavnao ke saagar me YAAD aapki rachna ki tarah dimaag ko tarbatar karti he/ aour vah bhi khoobsoorati se.
aapme bhav ko vyakt karne ki adbhut pratibha he/
याद तो फिर भी आओगे।
सीमा जी, हम आपसे पहले भी अर्ज़ कर चुके हैं, के आप जो कह जाती हैं उसकी तारीफ़ लफ़्ज़ों में बयाँ की ही नहीं जा सकती। बेमिसाल!
aap ka likha ek ek shabd sach hai sach ke siva kuchh nahi.
lekin aesa bhi to ho sakta hai ki kaun kis ko yaad karta hai....shyad koi kisi ko yad nahi karta.yaden to matr chhlava hai
रूमानियत से भरे सारे बिम्ब मौज़ूद हैं -शरद कोकास दुर्ग,छ.ग.
जज्बों को शब्दों में पिरोना कोई आपसे सीखे।
( Treasurer-S. T. )
Yaad Aane Waale Kyon Yaad Aate Hain...
bahut hi sunder or dil ko chuu lene wali rachna.....
badhiya
याद तो फिर भी आओगे
-- Yahi such hai.
very true
मन को छू गये आपके भाव।
Think Scientific Act Scientific
जीवन में यादों को सहेजता कौन है, सभी अवसरवादी हो गए हैं ऐसे में भावुक लोगों की जरूरत है। आपकी भावना को सलाम।
माकूल कविता है, अच्छा बिम्ब गढ़ा है, विचारणीय है।
*******************************
C.M. is waiting for the - 'चैम्पियन'
प्रत्येक बुधवार
सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
********************************
क्रियेटिव मंच
*********************************
सुंदर कविता बधाई!
Yahi to pyaar ki nishaani hai.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
प्रेम भरे भावों की सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
dekhne aaya tha ki aapne kuch naya likha hai ki nahi? phir dekha ki 49 hain to 50th main complete kar deta hoon..... hehehehe....
hope u will be fine....
Regards.......
49 कमेन्ट औए एक बेहद खुबसूरत रचना ....उम् चलो आपके कमेंट्स की गोल्डन जुबिली मना लेते है 50 वां कमेन्ट मेरी तरफ से .......
याद आओगे ..
खुद भी आओगे
बेशक अरसे बाद आओगे
कश्तियाँ
पलट जाएँगी
झील के गहरे पानी में तो
सिर्फ और सिर्फ
आत्मा ही जा पायेगी
कांधे पर सर और स्पर्श का घेरा
रात के मुख पर चाँद का सेहरा
तुम विराना कर जाओगे
याद तो फिर भी आओगे
Seema Ji, Bahut sunder rachna hai ... badhai swikaren.
Surinder
अरे अरे....अरे यहाँ से मेरा कमेन्ट कहाँ गया....!!शायद उसे जगह नहीं मिल पायी....
कोई बात नहीं जब बुकिंग फूल हो तो आदमियों को जगह ही नहीं मिल पाती....भूतों को तो क्या मिलेगी.....!!!!!
Post a Comment