5/01/2009

"बरसात हो"





"बरसात हो"

"काश" आज फ़िर ऐसी झूम के बरसात हो ,
उनसे फ़िर एक हसीन दिलकश मुलाकात हो ,
इस कदर मिलें तड़प के दो दिल आज की,
धरकनो पे न कोई अब इख्त्यार हो …..

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो ,
खामोश लबों की दास्ताँ मौसम भी सुने ,
निगाहों से मोहब्बत ऐ -सूरते -बयाँ हो


http://swargvibha.freezoka.com/kavita/all%20kavita/Seema%20Gupta/barsaat%20ho.html (http://www.swargvibha.tk/)

38 comments:

zeashan haider zaidi said...

चलिए सूखे के मौसम में यह कविता एहसास तो karaati है Saawan ki barsaat का.

Vinashaay sharma said...

unkey ane se pehley asi barsat ho ki woh aa jay, aur unke janey ke bad asi barsat ho woh ja na paye.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

बहुत सुंदर श्रृंगार गीत...

Udan Tashtari said...

काश!! ऐसा हो!! मेरी शुभकामना तो रख ही लो!!

Arvind Mishra said...

वाह क्या उम्दा मिलन वर्षा गीत ! कई दिन से बाट जोह रहा था !

समय चक्र said...

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो.

बहुत ही बढ़िया रचना आभार .

रंजन said...

बरसात की कमी पूरी कर दे रही है ये कविता..

बहुत सुन्दर..

"अर्श" said...

aapki rachanawon ke baare me kya kahun nishabd ho jata hun magar aapne jo chaha hai mukammal hai aur jahir hai aameen...


arsh

mehek said...

waah ye nurani barsaat aur ishq ki fuhaar bahut manuhaari lagi sunder.

Unknown said...

jhoom kar barsaat bhi aane lagegi
gesu apne khol kar bikhra zara..................

har taraf sailaab hoga "albela"
seene se mehboob ke lagja zara

ARE..........YE TOH SHE"R HO GAYE....
badhaai aapke liye
achhi post !

संगीता पुरी said...

बारिश तो है नहीं .. आपकी कविता से ही बारिश का अहसास कर रहे हैं !!

रंजू भाटिया said...

बारिश का एहसास लिए सुन्दर कविता लिखी है आपने

P.N. Subramanian said...

हम तो भीग गए. आभार.

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

खुबसुरत अंदाजे बयाँ बरसात बूदों का

siddheshwar singh said...

देवताओं की सिफारिश चाहिए
धरतियाँ प्यासी हैं बारिश चाहिए.

विवेक सिंह said...

माफ़ करें ऊपर बाहरी तरफ़ की फ़ोटो जमी नहीं !

मीत said...

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो ,
वाह सीमा जी बेहद भीगी भीगी से रचना....
पर कमबख्त बरसात हो ही नहीं रही है...
मीत

Vinay said...

नायाब, बहुत ख़ूब!!
--
चाँद, बादल और शाम

ओम आर्य said...

एक प्रेम मे डुबी कविता .......बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर रचना बधाई.......एक प्रेम मय भाव

ताऊ रामपुरिया said...

आज तो बहुत सुंदर श्रंगारिक रचना. शुभकामनाएं.

रामराम.

Birds Watching Group said...

baarish
aur haseen pal
yaaden aur diwaanaapan
ek haseen dillagi fir
mausam ka soonapan
tadap ke palchhin


yaad dilaane ka dhanywaad .....
rajesh

Gyan Dutt Pandey said...

बरस गयी यह पोस्ट!

अनूप शुक्ल said...

बरसात हो रही है। छाते का इंतजाम करिये।

अभिन्न said...

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो ,
खामोश लबों के दास्ताँ मौसम भी सुने ,
निगाहों मे मोहब्बत ऐ -सूरते -बयाँ हो
........ठीक इसी प्रकार से एक एक शब्द से कविता रूपी कायनात सजा दी है आपने ,सावन के महीने को समर्पित लगती ये कविता बहुत ही रूमानी ओर आपके प्रिय अंदाज से हट कर है, बहुत अच्छा लगा आज यह कविता पढ़कर,इधर ये रचना मिली ओर बरसात भी होने लगी .
सादर

दिगम्बर नासवा said...

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो

प्रेम में गहरे डूब कर लिखी सुंदर रचना है........... आप हर एहसास, हर मौसम को बाँध कर लिखती है जो दिल को सकूँ देता है........

Mumukshh Ki Rachanain said...

बारिश हो न हो, पर प्रेम के बदरा तो खूब झूम के बरसे हैं आपकी इस अनमोल रचना में.
न कहीं बिजली की चमक, न गडगडाहट, सब कुछ आहिस्ता-अहिस्ता................ बहुत खूब.
बधाई.

डॉ. मनोज मिश्र said...

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो.....
सुंदर रचना.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

यह तमन्ना पूरी हो! आमीन!

Smart Indian said...

बहुत खूब, बरसात हो!

बवाल said...

एक एक लफ़्ज़ मोहब्बत की चाशनी मे सराबोर ! क्या कहना सीमाजी वाह वाह।

राकेश कुमार said...

बहुत सुन्दर रचना, जिस तरह पतझड विरह का प्रतीक है उसी तरह बारिश मिलन का प्रतीक है.

सुन्दर श्रिन्गारिक भाव ली हुई रचना.

एक एक बूंद से सजी सारी कायनात हो ,
आगोश मे फ़िर मेरी शरीके -हयात हो ,

उपरोक्त पन्क्ति बहुत सुन्दर है

सादर

Alpana Verma said...

bahut hi sundar, sringaar ras mein doobi pyar bhare bhaav liye likhi yah rachna bahut achchee lagi.

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाह बेहतरीन शब्दचित्र.. साधुवाद...

ajay saxena said...

अच्छी रचना ..बधाई

ajay saxena said...

मुई नौकरी ऐसी है की टाइम ही नहीं मिल पाता पर किसी ने बताया था आपके ब्लॉग और आपकी रचनाओ के बारे में आज सब पढी ..दिल जीत लिया आपने ...एकदम रूमानी कर दिया ....धन्यवाद आपका

admin said...

Bahut hi shaandaar kalpanaa.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

INU said...

khubsurat rachna

Mukesh Garg said...

ek bar fir pyar bhare dilo ko chuu lene wali ye pyar bahri rachna..

nafrat kane wala jo bhi aaapki rachna padhta hoga wo bhi pyar karna sikh jata hoga..


dhero badhiya sawikar kare