"मैं और तुम"
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मुट्ठी भर किरणों की बारिश मै और तुम
तुमसे मिलने की एक ख्वाइश मैं और तुम
शबनम के ये कतरे फूल की पत्ती पर
आब है अश्कों का ये मेरे मैं और तुम
पानी पानी अब के भी है सारा कुछ
रोते दिल और बहती आँखें मैं और तुम
पारा पारा अब तो पूरा ज़ामा है
एक उम्मीदों का दामन है मैं और तुम
हंसते लब ये रोते दिल बस हैरानी
बहते पानी की पलकों से मैं और तुम
सीमा है बस ख़्वाब हैं पूरी दुनिया है
ताबीरों पर पहरे पैहम मैं और तुम