10/11/2010

"हथेली पे उतारा हमने"

एक खुबसूरत रूहानी से मंजर की कल्पना करते हुए, उस चाँद को जो न जाने कितनी दूर है मगर हर पल उतना ही करीब होने का एहसास करा जाता है , अगर अपने सामने आपने पास अपनी हथेलियों की कम्पन में महसूस कीया जाए तो कैसा लगता होगा ना. इस दिलनशीन पल की कल्पना को मेरे साथ यहाँ सुनिए.....


"हथेली पे उतारा हमने"

रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
कभी माथे पे टिकाया
कभी कंगन पे सजाया
आँचल में टांक के मौसम की तरह
अपने अक्स को संवारा हमने

रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
सुना उसकी तन्हाई का सबब
कही अपनी दास्तान भी
तेरे होटों की जुम्बिश की तरह
पहरों दिया सहारा हमने

रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
अपने अश्को से बनाके
मोहब्बत का हँसीं ताजमहल
तेरी यादों की करवटों की तरह
यूँ हीं एक टक निहारा हमने

रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने


36 comments:

SAMEER said...

Apun wishing you a wonderful, super duper, zabardast, xtra bariya, xtra special ekdum mast n dhinchak bole to ekdum jhakaas, JANAM DIN mubarak ho.. aap hamesha khush rahe ..HAPPY BIRTH DAY .........

Udan Tashtari said...

सुना..............डूबे.......फिर पढ़ा....उबरे...डूबे.....फिर डूबे....


बहुत खूब!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर ...चाँद को उतारा ...इसीलिए हमें शायद अमावस नज़र आई :):)

पंकज सुबीर said...

तुम्‍हारा और मेरा जन्‍मदिन एक ही दिन और एक ही वर्ष का है और समय ने तय किया कि मैं कुछ घंटे बड़ा हूं । सो छोटी बहन को जन्‍मदिन की शुभकामनाएं । खुश रहो, मुस्‍कुराती रहो ।

PN Subramanian said...

बेहद खूबसूरत. जन्म दिन पर ढेरों शुभकामनाएं.

Parul kanani said...

is chand si nazm ki chamak dil mein bas gayi hai..amazing!

रंजू भाटिया said...

वाह वाह बहुत सुन्दर जन्मदिन की ढेरो बधाई और ढेरों शुभकामनाएं ..खुश रहे ,स्वस्थ रहे हमेशा यही दिल से दुआ है ...

Alpana Verma said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .\...................
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
'तुम जिया हजारों साल साल के दिन हों पचास हज़ार!'यूँ ही हँसती रहो मुस्कराती रहो...गुनगुनाती रहो..लुभाती रहो...दिल से दुआएं एक बार फिर से..

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

seema ji tusi te kamaal kar ditta !!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
कभी माथे पे टिकाया
कभी कंगन पे सजाया
आँचल में टांक के मौसम की तरह
अपने अक्स को संवारा हमने
--
बहुत ही मखमली अभिव्चक्ति प्रस्तुत की है आपने तो!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अरे जन्मदिन की बधाई तो देना भूल ही गया!
--
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अरे जन्मदिन की बधाई तो देना भूल ही गया!
--
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर रचना, हमारी तरफ़ से आप को जन्म दिन पर बधाई ओर ढेरों शुभकामनाएं.

महेन्‍द्र वर्मा said...

चांद को हथेली पर उतार कर उसकी तनहाई का सबब पूछना- ये अद्भुत कल्पना आपके मन में कैसे आई...बहुत सुंदर कविता ..बधाई।

shikha varshney said...

जितनी खूबसूरत रचना ..सुनकर उसका आनंद दुगना हो गया.

शारदा अरोरा said...

बेहद सुन्दर कविता , आज मैंने भी गीत ग़ज़ल वाले ब्लॉग पर चंदा को संबोधित करते एक रचना लिखी है ...तो आज का दिन चाँद के नाम ...
जन्मदिवस की असीम शुभकामनाएं ...

मोहन वशिष्‍ठ said...

bahut hi behatrin seema ji aanand aa gaya sunkar aur padhkar

seema gupta said...

आप सभी आदरणीय जनों के आशीर्वाद और शुभकामनाओ के लिए आभारी हूँ.

regards

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

ओह , मुझे तो पता ही नहीं था कि कल आपका जन्मदिन था ....चलिए देर से ही...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

Rakesh Kaushik said...

it's nice poetic story.

Lovely to read and a bit frustrated to read u after so much time gap. but it's owesome.

I think it's a bit late but even than Wish You a Belated "Happy Birthday" I wish that you get what u dream for.

दिगम्बर नासवा said...

किसी दूसरी दुनिया में .. एहसास की गहरी दुनिया में डुबो ले जाती है आपकी रचना .... चाँद की तन्हाई का सबब और अपनी तन्हाई का सबब ... कभी कभी एक दूसरे का सहारा बन जातीं हैं ...

आपको जनम दिन की बहुत बहुत बधाई ....

Priyanka Soni said...

बहुत सुन्दर कविता !
बहुत ही मोहक ब्लाग !

"अर्श" said...

अब यही रह गया था ... की मैं सबसे आखिर में आऊं मुबारकवाद देने ... खुद की गलती कहूँ या आप पर थोप दूँ ? मुझे पता ही नहीं चला ... खैर जन्म दिन की ढेरो बधाईयाँ ...

संग मरमर सा है बदन जिसका
उसको मैं ताजमहल कहता हूँ ! :)

अर्श

seema gupta said...

@ अर्श जी, मुबारकबाद भी और शिकायत भी हा हा हा हा हा. आप कहाँ आखिर में आये, हम आ गये फिर से आप सभी का शुक्रिया अदा करने....
"chere up"

Regards

Satish Saxena said...

आपकी आवाज़ गज़ब की है ! हार्दिक शुभकामनायें !

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

सीमा जी, आपकी आवाज़ वाकई बहुत प्यारी है। आपने जिस शिद्दत से इस कविता को गाया है, उसने कविता में पाँच चाँद लगा दिये हैं।
* चार चाँद पुराना मुहावरा है।
................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।

जयकृष्ण राय तुषार said...

behataren rachna ke liye badhai

जयकृष्ण राय तुषार said...

very nice post madam badhai

निर्मला कपिला said...

अपका जन्म दिन और हमे पता ही नही चला। बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें\ वैसे सीमा जी ये चाँद तो हथेली पर आप ही उतार सकती हैं । बहुत अच्छी रचना
बधाई।

Smart Indian said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति| जन्‍मदिन की शुभकामनाएं!

Rajeysha said...

बधाई।

Romeo Das said...

Bohot Badhiya post tha :)

Hope you like my post - When love calls

Take care :)

Anonymous said...

Sorry for my bad english. Thank you so much for your good post. Your post helped me in my college assignment, If you can provide me more details please email me.

Rajnish tripathi said...

सीमा जी ऊपर वाला भी आप पर कद्रदान है मज़ा आ गया आप की गज़ल पढ़ कर,
कलम भी कद्रदान है उन पर अल्लाह भी
कहा लोगो से की सीमा को कही देखा है तो कहते है कि दिल में मेरे जो खीची रेखा है वहीं सीमा है,
आपकी लेखनी मं गज़ब का तेज है।

कभी मेरे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करिए अच्छा लगेगा।
रजनीश त्रिपाठी "चंचल"

Meenu Khare said...

दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι said...

तेरी यादों की करवटों कि तरह, सुन्दर ।
10 दिन देर से ही सही जन्म दिन की बधाई।