“ऐसा ना हो जाए ”
कहीं ऐसा ना हो जाए ,
की फ़िर तेरी याद आ जाए ,
पुकारूँ नाम मैं तेरा ,
और तू यूं ही बदनाम हो जाए .
कही ऐसा न हो जाए ,
की फ़िर ये दिल तड़प जाए,
मैं दुंदु हर तरफ तुझको ,
तू कहीं नज़र ही नही आए .
कहीं ऐसा ना हो जाए ,
की तू हर शै मे नज़र आए ,
कहे दुनिया मुझे पागल,
प्यार मे मेरा ये अंजाम हो जाए .
कहीं ऐसा ना हो जाए ,
की फ़िर तेरी प्यास जग जाए ,
मैं जी भी ना सकूं तुझ बिन,
ये जिन्दगी यूं ही तमाम हो जाए .
http://swargvibha.freezoka.com/kavita/all%20kavita/Seema%20Gupta/aisa%20naa%20ho%20jaye.htm (http://www.swargvibha.tk/)
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