12/02/2010

"दर्द का दरिया " काव्य संग्रह विमोचन"

"दर्द का दरिया"
(काव्य संग्रह )ISBN 978-81-908201-5-8

मूल्य : 200 रुपये प्रथम संस्करण : 2010 प्रकाशक : अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन
आवरण कल्पना: डॉ. लारी आज़ाद
भाषा : हिंदी और उर्दू

"अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन के छठे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 23 - 30 November 2010 को उज़्बेकिस्तान की राजधानी "ताशकंत" में मेरे दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" का विमोचन DR. Lari Azad जी के हाथो संपन हुआ. आज ए.आई. पी.सी के गौरवशाली आश्रय के अंतर्गत मेरे दुसरे काव्य संग्रह का दो भाषाओँ हिंदी और उर्दू में एक साथ प्रकाशित होना किसी महान उपलब्धि से कम नहीं है.





























"Woman of the East " का प्रशस्ति पत्र Prof (DR.) Lari Azad और Dr Shobhna Jain जी से प्राप्त करते हुए









“ विशेष आभार जो विरह के रंग के हमराही बने”

मेरे पहले काव्य संग्रह " विरह के रंग" को शिवना प्रकाशन के आदरणीय पंकज सुबीर जी (भाई जी ) ने जो एक रौशनी से भरी राह दिखाई उसका आभार किन शब्दों मै व्यक्त करूं कुछ भी समझ नहीं आ रहा, जो रंग, रूप, नये आयाम , नया विस्तार दिया , दुनिया मै एक पहचान दी, आज ढूंढे से आभार व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे.
आभार ब्लाग जगत के उन सभी आदरणीय साथियों का जिन्होंने "विरह के रंग" की समीक्षा अपने ब्लॉग पर की और मुझे सम्मान दिया.

" प्रकाश सिंह अर्श" , “सुरेंदर कुमार अभिन्न" , " अरविन्द मिश्र जी" , " सतीश सक्सेना जी" , " फिरदोस जी" (स्टार न्यूज़ एजिंसी), "रविरतलामी जी" और

आदरणीय पी.सी. मुद्गल जी का जिनका ब्लॉग लेखन "ताऊ रामपुरिया" के नाम से है, जिन्होंने वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता - २०१० के सभी कांस्य सम्मान विजेताओं को मेरी काव्यकृति "विरह के रंग" की एक प्रति इनाम स्वरूप भेंट की.

आभारी हूँ ब्लागजगत के सभी माननीय जनों के आशीर्वाद और प्रोत्साहन के लिए जिनके सहयोग से मेरे दुसरे काव्य संग्रह का जन्म हुआ.



http://dreamstocometrue.blogspot.com/2010/12/blog-post.html

26 comments:

  1. आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

    आपकी इस उपलब्धि पर फ़ख्र हो रहा है. ईश्वर करे आप यूं ही सफ़लता के सोपान तय करती रहें.

    रामराम.

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  2. blogger parivaar ka hissa hone ke naate aapki har uplabdhi humein apni uplabdhi lagti hai...

    way to go Seema ji!

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  3. बहुत बहुत बधाई! आपके सम्मान से कविता सम्मानित हुई !

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  4. आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
    आपकी प्रतिभा के तो पहले से ही कायल हैं। आप जितना मर्मस्पर्शी लिखती हैं मुझे हमेशा चौंका देता है। एक बार फिर से बधाई।

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  5. हार्दिक बधाई!

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  6. Bas aise hi aap jagmagate rahe... bahut bahut badhaiya

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  7. इतनी जल्दी आपका दूसरा काव्य-संग्रह भी प्रकाशित हो गया...यह जानकार बहुत ख़ुशी हुयी
    -
    -
    आपको काव्य-संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर ढेरों शुभकामनाएं और बधाई
    -
    तस्वीरें बहुत सुन्दर आई हैं

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  8. आपको बहुत-बहुत बधाई!
    --
    अब तो आपके काव्य संग्रह को पढ़ने की लालसा बढ़ गई है!

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  9. दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं....

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  10. बहुत बहुत बधाईयाँ सीमा जी.आप की नयी किताब के प्रकाशन की खबर पा कर बहुत खुशी हुई.
    हमारी तरफ़ से ढेरों शुभकामनाएँ.
    सस्नेह
    -अल्पना

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  11. Respected seema ji

    आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
    हमारी तरफ़ से ढेरों शुभकामनाएँ.

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  12. vipul jain9/12/10 8:44 AM

    Congratulation!

    Hansti, Muskurati hui acchi lagi. Hamesh Khush raha karo.

    Take care n be Happy always
    vipul jain

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  13. बहुत बहुत बधाई

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  14. नमस्कार
    आपके दुसरे काव्य संग्रह " दर्द का दरिया " के विमोचन के लिए आपको हार्दिक बधाई ...स्वीकार करें ....अगले काव्य संग्रह के लिए शुभकामनायें

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  15. बहुत शुभकामनाएं..

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  16. इस संग्रह के प्रकाशन हेतु हार्दिक बधाई।

    लारी जी डायनमिक व्‍यक्ति हैं। वे अखिल भारतीय कवियत्री सम्‍मेलन के जरिए अच्‍छा काम कर रहे हैं।

    ---------
    छुई-मुई सी नाज़ुक...
    कुँवर बच्‍चों के बचपन को बचालो।

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  17. आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

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  18. काव्य संग्रह के प्रकाशन पर ढेर सारी शुभकामनाएं।

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  19. Prabha Dash23/12/10 1:24 PM

    Dear Madam,
    Pahle to aapko dher sari pyar bahri badhayian dena chahungi aapki dusri kavya pustika "Dard ka Dariya" ke shandar vimochan ke liye sath hi aapko subh kamnayen aapke aane wale sundar bhawishya ke liye.
    Virah ke rang se jo aapka hindi sahitya me aagman hua wo Dard ke daria ne ucche makam pe beetha diya, aisa pratit hota hai. Aapki nayi kavitayen itne uchen star ki hain ke inki tareef chand shabdon main bayan kar pana mere liye sambhav nahin. Vishesh kar chand pe likhi kavitayen itni achi hain ke unhe padhkar aapko "Chand" ki upadhi dene ki ichha hone lagti hai...
    Urdu ke lafjo ka jo sundar prayog aapne apni kavitaon me kiya hai ussase kavitaon ko jaise char chand lag gaye ho...
    Ek baar phir dil se aapko mubarakbaad dena chahti hun aapki is sundar uplabdhi ke liye.

    All the best for your future

    Prabha Dash

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  20. सीमा जी प्रणाम!
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें .....

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  21. आदरणीया सीमा जी ,प्रणाम !
    दर्द का दरिया के प्रकाशन और विमोचन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं......

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