"दर्द का दरिया"
(काव्य संग्रह )ISBN 978-81-908201-5-8
मूल्य : 200 रुपये प्रथम संस्करण : 2010 प्रकाशक : अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन
आवरण कल्पना: डॉ. लारी आज़ाद
भाषा : हिंदी और उर्दू

(काव्य संग्रह )ISBN 978-81-908201-5-8
मूल्य : 200 रुपये प्रथम संस्करण : 2010 प्रकाशक : अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन
आवरण कल्पना: डॉ. लारी आज़ाद
भाषा : हिंदी और उर्दू

"Woman of the East " का प्रशस्ति पत्र Prof (DR.) Lari Azad और Dr Shobhna Jain जी से प्राप्त करते हुए
मेरे पहले काव्य संग्रह " विरह के रंग" को शिवना प्रकाशन के आदरणीय पंकज सुबीर जी (भाई जी ) ने जो एक रौशनी से भरी राह दिखाई उसका आभार किन शब्दों मै व्यक्त करूं कुछ भी समझ नहीं आ रहा, जो रंग, रूप, नये आयाम , नया विस्तार दिया , दुनिया मै एक पहचान दी, आज ढूंढे से आभार व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे.
आभार ब्लाग जगत के उन सभी आदरणीय साथियों का जिन्होंने "विरह के रंग" की समीक्षा अपने ब्लॉग पर की और मुझे सम्मान दिया.
" प्रकाश सिंह अर्श" , “सुरेंदर कुमार अभिन्न" , " अरविन्द मिश्र जी" , " सतीश सक्सेना जी" , " फिरदोस जी" (स्टार न्यूज़ एजिंसी), "रविरतलामी जी" और
आदरणीय पी.सी. मुद्गल जी का जिनका ब्लॉग लेखन "ताऊ रामपुरिया" के नाम से है, जिन्होंने वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता - २०१० के सभी कांस्य सम्मान विजेताओं को मेरी काव्यकृति "विरह के रंग" की एक प्रति इनाम स्वरूप भेंट की.
आभारी हूँ ब्लागजगत के सभी माननीय जनों के आशीर्वाद और प्रोत्साहन के लिए जिनके सहयोग से मेरे दुसरे काव्य संग्रह का जन्म हुआ.
http://dreamstocometrue.blogspot.com/2010/12/blog-post.html
आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपकी इस उपलब्धि पर फ़ख्र हो रहा है. ईश्वर करे आप यूं ही सफ़लता के सोपान तय करती रहें.
रामराम.
blogger parivaar ka hissa hone ke naate aapki har uplabdhi humein apni uplabdhi lagti hai...
ReplyDeleteway to go Seema ji!
बहुत बहुत बधाई! आपके सम्मान से कविता सम्मानित हुई !
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ....
ReplyDeleteआपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपकी प्रतिभा के तो पहले से ही कायल हैं। आप जितना मर्मस्पर्शी लिखती हैं मुझे हमेशा चौंका देता है। एक बार फिर से बधाई।
हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteBas aise hi aap jagmagate rahe... bahut bahut badhaiya
ReplyDeleteइतनी जल्दी आपका दूसरा काव्य-संग्रह भी प्रकाशित हो गया...यह जानकार बहुत ख़ुशी हुयी
ReplyDelete-
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आपको काव्य-संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर ढेरों शुभकामनाएं और बधाई
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तस्वीरें बहुत सुन्दर आई हैं
बधाई !
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDelete--
अब तो आपके काव्य संग्रह को पढ़ने की लालसा बढ़ गई है!
दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं....
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाईयाँ सीमा जी.आप की नयी किताब के प्रकाशन की खबर पा कर बहुत खुशी हुई.
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से ढेरों शुभकामनाएँ.
सस्नेह
-अल्पना
Respected seema ji
ReplyDeleteआपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
हमारी तरफ़ से ढेरों शुभकामनाएँ.
Congratulation!
ReplyDeleteHansti, Muskurati hui acchi lagi. Hamesh Khush raha karo.
Take care n be Happy always
vipul jain
बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteनमस्कार
ReplyDeleteआपके दुसरे काव्य संग्रह " दर्द का दरिया " के विमोचन के लिए आपको हार्दिक बधाई ...स्वीकार करें ....अगले काव्य संग्रह के लिए शुभकामनायें
many congratulations
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं..
ReplyDeleteइस संग्रह के प्रकाशन हेतु हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteलारी जी डायनमिक व्यक्ति हैं। वे अखिल भारतीय कवियत्री सम्मेलन के जरिए अच्छा काम कर रहे हैं।
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छुई-मुई सी नाज़ुक...
कुँवर बच्चों के बचपन को बचालो।
आपके दुसरे काव्य संग्रह "दर्द का दरिया" के विमोचन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteकाव्य संग्रह के प्रकाशन पर ढेर सारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteDear Madam,
ReplyDeletePahle to aapko dher sari pyar bahri badhayian dena chahungi aapki dusri kavya pustika "Dard ka Dariya" ke shandar vimochan ke liye sath hi aapko subh kamnayen aapke aane wale sundar bhawishya ke liye.
Virah ke rang se jo aapka hindi sahitya me aagman hua wo Dard ke daria ne ucche makam pe beetha diya, aisa pratit hota hai. Aapki nayi kavitayen itne uchen star ki hain ke inki tareef chand shabdon main bayan kar pana mere liye sambhav nahin. Vishesh kar chand pe likhi kavitayen itni achi hain ke unhe padhkar aapko "Chand" ki upadhi dene ki ichha hone lagti hai...
Urdu ke lafjo ka jo sundar prayog aapne apni kavitaon me kiya hai ussase kavitaon ko jaise char chand lag gaye ho...
Ek baar phir dil se aapko mubarakbaad dena chahti hun aapki is sundar uplabdhi ke liye.
All the best for your future
Prabha Dash
सीमा जी प्रणाम!
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें .....
आदरणीया सीमा जी ,प्रणाम !
ReplyDeleteदर्द का दरिया के प्रकाशन और विमोचन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं......
Congratulation Seema ji
ReplyDeleteMany many congratulations !
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