





"सीहोर (भोपाल) में मेरे प्रथम काव्य संग्रह " विरह के रंग" का विमोचन सुकवि मोहन राय की स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे में पद्मश्री बशीर बद्र जी, पद्मश्री बेकल उत्साही जी, नुसरत मेहँदी जी , एवं मुख्य अतिथि विधायक रमेश सक्सेना के हाथो संपन हुआ."









सुकवि मोहन राय की स्मृति को संजोने वाले उनके साथी बधाई के पात्र हैं : रमेश सक्सेना
सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरा, पुरस्कार तथा पुस्तक विमोचन समारोह संपन्न
सीहोर () सीहोर की अग्रणी साहित्य प्रकाशन संस्था शिवना प्रकाशन तथा मप्र उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया ।
सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरा, पुरस्कार तथा पुस्तक विमोचन समारोह संपन्न
सीहोर () सीहोर की अग्रणी साहित्य प्रकाशन संस्था शिवना प्रकाशन तथा मप्र उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों मोनिका हठीला की एक खुशबू टहलती रही, सीमा गुप्ता की विरह के रंग, मेजर संजय चतुर्वेदी की चाँद पर चाँदनी नहीं होती तथा डॉ. सुधा ओम ढींगरा की पुस्तक धूप से रूठी चाँदनी का विमोचन किया गया साथ ही डॉ आजम को सुकवि मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया ।
स्थानीय कुइया गार्डन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना, सुकवि स्व. मोहन राय की धर्मपत्नी श्रीमती शशिकला राय सहित पद्मश्री बशीर बद्र, पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी तथा मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहदी सहित सभी शायरों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा सुकवि स्व. मोहन राय के चित्र पर पुष्पाँजलि तथा दीप प्रावलित करके किया । सभी अतिथियों का स्वागत संयोजक श्री राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा आयोजन प्रमुख श्री पुरुषोत्तम कुइया ने किया ।
स्थानीय कुइया गार्डन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना, सुकवि स्व. मोहन राय की धर्मपत्नी श्रीमती शशिकला राय सहित पद्मश्री बशीर बद्र, पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी तथा मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहदी सहित सभी शायरों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा सुकवि स्व. मोहन राय के चित्र पर पुष्पाँजलि तथा दीप प्रावलित करके किया । सभी अतिथियों का स्वागत संयोजक श्री राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा आयोजन प्रमुख श्री पुरुषोत्तम कुइया ने किया ।
शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों का विमोचन सभी अतिथियों द्वारा किया गया । विमोचन के पश्चात तीनों उपस्थित लेखकों मोनिका हठीला, सीमा गुप्ता तथा संजय चतुर्वेदी का शिवना प्रकाशन तथा भोजक परिवार भुज द्वारा शाल श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया ।
सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार की घोषणा तथा पुरस्कृत होने वाले कवि डॉ. आजम का संक्षिप्त परिचय चयन समिति की अध्यक्ष तथा स्थानीय महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. श्रीमती पुष्पा दुबे द्वारा दिया गया। पंडित शैलेष तिवारी के स्वस्ति वाचन के बीच अतिथियों द्वारा डॉ. आाम को मंगल तिलक कर, शाल श्रीफल, सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना जी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि धन्य हैं शिवना के साथी गण जो कि अपने साथी की स्मृति में इतना भव्य आयोजन कर रहे हैं । श्री सक्सेना ने शिवना प्रकाशन के आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की । पद्मश्री डॉ. बशीर बद्र ने कहा कि सीहोर आना हमेशा से ही मेरे लिये आकर्षण का विषय रहता है क्योंकि यहां पर मुझे बहुत प्यार मिलता है । नुसरत मेहदी ने अपने संबोधन में कहा कि शिवना प्रकाशन के साथियों ने सीहोर में जो भव्य आयोजन रचा है वैसा कम ही देखने को मिलता है । शिवना प्रकाशन ने सीहोर में आज इतिहास रच दिया है ।
कार्यक्र्रम के सूत्रधार द्वय रमेश हठीला तथा पंकज सुबीर ने सभी अतिथियों को शिवना प्रकाशन की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये साथ ही कार्यक्रम संचालक श्री प्रदीप एस चौहान को सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया । कार्यक्रम के द्वितीय चरण में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया शायरों का स्वागत बैज, पुष्पमाला तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर श्री सोनू ठाकुर, विक्की कौशल, सनी गौस्वामी, सुधीर मालवीय, नवेद खान, प्रवीण विश्वकर्मा, प्रकाश अर्श, वीनस केसरी, अंकित सफर, रविकांत पांडे आदि ने किया ।
पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी, नुसरत मेहदी, शकील जमाली, खुरशीद हैदर, अख्तर ग्वालियरी, शाकिर रजा, सिकन्दर हयात गड़बड़, अतहर सिरोंजी, सुलेमान मजाा, जिया राना, सुश्री राना जेबा, फारुक अंजुम, काजी मलिक नवेद, ताजुद्दीन ताज, मोनिका हठीला, मेजर संजय चतुर्वेदी, सीमा गुप्ता, डॉ. आाम जैसे शायरों की रचनाओं का कुइया गार्डन में उपस्थित श्रोता रात तीन बजे तक आनंद लेते रहे । डॉ. राहत इन्दौरी, बेकल उत्साही, खुर्शीद हैदर जैसे शायरों की गजलों का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया । श्रोताओं से खचाखच भरे मैदान पर देर रात तक काव्य रस की वर्षा होती रही । श्रोताओं ने अपने मनपसंद शायरों से खूब फरमाइश कर करके गजलें सुनीं । कार्यक्रम संचालन प्रदीप एस चौहान ने किया अंत में आभार शिवना प्रकाशन के पंकज सुबीर ने किया ।
http://prosingh.blogspot.com/2010/05/blog-post_30.html
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बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeletebahut accha lag raha hai .aapka ek khawab jo aapki ankho ne dekha nahi tha usse pura hote hue . ap kitni khu ye ye to aapki photo or aapki ankhe hi batarahi hai...
ReplyDeletebahut bahut badhaiyaaaaaaaaa...
ReplyDeleteor subhkaamnaye ki aapke or sapne bhi isse tarah puro ho..
बहुत बहुत बधाई .... आपका सँचयन बहुत ही लाजवाब है ... विरह की हूक है आपकी रचनाओं में ...
ReplyDeleteबधाई सीमा जी बहुत बहुत बधाई.....
ReplyDelete"विरह के रंग" जितनी अमुपम कृति है उसी के अनुरुप ये समारोह भि बहुत ही गरिमा मय हस्तियों के बीच संपन्न हुआ. सारे चित्र उस शुभ अवसर की गरिमा और उत्साह को बयान कर रहे हैं.
ReplyDeleteमुझे इसमे शामिल ना होने पाने का का दुख हमेशा रहेगा.
बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
chaliye pankaj ji ke sath karykram hua
ReplyDeletepankaj jki se mulakaat hui thi DIG kapur ke dost ki haisiyat se
achchha laga tha unse milkar mujhe bhi sehore me
बहुत बधाई...
ReplyDeleteअब समझे इत्ते दिन से कहाँ थे...
शुभकामनायें , आप योग्य है सीमा जी !
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसीमा जी, लख लख बधाई।
ReplyDeleteयह वाकई बहुत खुशी की बात है।
HEARTLY CONGRATULATIONS MADAM
ReplyDeleteREALLY ITS A DREAM COME TRUE I KNOW U HENCE CAN UNDERSTAND THE FEELING & EMOTIONS U R GOING THOURH NOW AFTER RECIEVING SUCH A BEAUTIFUL APPRECIATION & REGARDS FROM LEGENDARY PEOPLE OF LITRETURE.
THIS IS ONLY A START NOT THE DESTINATION AND MORW SUCH OCCASSIONS ARE YET TO COME IN LIFE.... SO KEEP UR FINGERS CROSSED FOR THOSE MOMENTS.
WISH U MORE AND MORE SUCCESS IN THIS NEW PHASE OF LIFE
LOVE AND REGARDS
pRABHA
आपको ढेर सारी बधाईयाँ .
ReplyDeletemubaarak ho aapko Seema ji....
ReplyDeleteaise hee aage badhte rahiyega!!
Dear Seema,
ReplyDeleteI am delighted to note THAT YOU ACHIEVED YOUR LIFE TIME DESIRE ON 8TH MAY 2010.
MY HEARTIEST CONGRATULATIONS TO YOU FOR THIS ACHIEVEMENT.YOU HAVE PROVED THE FOLLOWING SAYING:-
"KHUD HI KO KAR BULAND ITNA KI HAR TAHREER SE PAHLE KHUDA BANDE SE PUCHE KI BOL TERI RAJA KAYA HAI."
REGARDS.
ASHOK K DOGRA
सीमा जी
ReplyDeleteइस उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई
कार्यक्रम भी भरपूर रहा और आपसे मिलना भी सुखद अनुभव रहा
जल्दी से एक और काव्य संग्रह प्रकाशित करवाये जिससे हम फिर से आपसे मिला सकें :)
एक बार फिर से ढेरों बधाई
- वीनस
आनन्द आ गया तस्वीरें देखकर और कार्यक्रम का ब्यौरा पढ़कर.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई.
सीमा जी आदाब,
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको आपके पुस्तक के विमोचन पर जिसमे जनाब बशीर बद्र , जनाब बेकल उत्साही ,जनाब राहत इन्दोरी , नुसरत मेहंदी साहिबा के हांथो हुआ अपने आप में ये एक सौभाग्य की बात है , ! आपसे मिलना भी सुखद अनुभूति है हमारे लिए ... आप अज़ीम शख्सियत की मालकिन हैं !
आपका
अर्श
सीमा जी बहुत बहुत बधाई आप को सभी चित्र बहुत अच्छॆ लगे
ReplyDeleteयह रंग-बिरंगी रपट बहुत बढ़िया रही!
ReplyDeleteवाह,वाह्! बहुत खूब बधाई! बहुत अच्छा लगा आपके काव्य संग्रह के विमोचन की खबर पढ़कर। बहुत अच्छा लगा फोटो देखकर। खूब सारी बधाइयां।
ReplyDeleteNice pics, i m really very happy for you. may god bless you with all the sucssess & happiness in life.
ReplyDeleteLove 'n' Luck
Vipul
बधाई हो बधाई।
ReplyDeleteतालियां, जोरदार तालियां।
सीमा जी बहुत बहुत बधाई हो आपको इस संग्रह के विमोचन के लिए
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाईयां सीमा जी.
ReplyDelete--
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खुशनसीब हैं जो अच्छे रचनाकारों से मिलना हुआ,सबकी शुभकामनाएँ मिलीं.नयी तस्वीरें भी बहुत अच्छी लगीं.
आप की इस पुस्तक की सफलता हेतु एक बार फिर से दिल से बधाई !
[लग रहा है आप पिछले दों बहुत व्यस्त रही तभी आज कल ब्लॉगजगत में भी कम दिखाई दे रही हैं.]
बहुत बहुत बधाईयां
ReplyDeleteBEKAL UTSAAHEE KE GEET KEE EK UR PANKTI YAAD AA GAYEE---
ReplyDelete"AIY HUSN-O-TAKHAYYUL KEE MEERA,
AIY GEETON KEE NAAHEED,
MAIN KAISAY LIkKHOON PYAR KE GEET;;""
----RAAT MEIN BHEE UNHEEN KA EK SHER LIKHA THA----TAsWEER MEIN UNKE SAATH DEKH KAR YAAD AAGAYA THA---UMMEED HAI ---PADH LYA HOGA-
----------
KAUN HAI YEH ---?------PARDARSH
AIY HUSN-O-TAKHAYYUL KEE MEERA!!---shaayed aap kee kitab mein kaheen ho!!
Congrats...
ReplyDeleteAnd best of luck for your future and life..
we all are waiting for new book with full of live... and love
बहुत बहुत बधाई सीमा जी,सम्मान खुद सम्मानित हुआ आपका सम्मान होने से ...
ReplyDeleteis mahaan uplabdhee ke liye
ReplyDeleteaapko dheroN badhaae .
many many congrats seema. These images show once in a life feeling. Its really amezing and you being with bashir badr padma shree winner just fill me with a over whelming feeling. These pictures show me a great lady whom i know. You made me proud and you just blessed me seema. Thanks thumahre wazood ke liye. I truly admire you and always keep admiring to till the end of my days [ far than that i cant say probably]
ReplyDeleteshubhkamnayen!
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई और जन्मदिवस की शुभ कामना हेतु आपको बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteसीमा जी
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
सभी चित्र बहुत अच्छॆ लगे
पुस्तक की सफलता हेतु शुभकामनाएँ
meree aatmiya shubhkamnaye bhi aour bahut bahut badhaai bhi swikaar kijiye.
ReplyDeleteबहुत बहुत
ReplyDeleteपुस्तक की सफलता हेतु शुभकामनाएँ
बहुत बहुत
ReplyDeleteपुस्तक की सफलता हेतु शुभकामनाएँ
...बधाई व शुभकामनाएं !!!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
ReplyDeleteबधाई सीमा जी बहुत बहुत बधाई!
ReplyDeletecongrats
ReplyDeleteइस कामयाबी के लिए बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteआगे भी आप कामयाबी की बलंदियाँ छूती रहें.
आपकी कविताओं के लिए एक शेर बरबस ही टपक पडा-
सेहरा के ज़िस्म पर कोई दरिया उतर गया
अच्छा हुआ जो आँख मेरी नम वो कर गया
मैं पीछे से तुझे देख रहा हूँ...
ReplyDeleteतू बस आगे बढ़-आगे बढ़ !!
मुड़ कर पीछे मत देखना
बस आगे बढ़ और आगे बढ़ !!
मंजिलें बहुत हैं अभी सीमा
तू आगे बढ़ बस आगे बढ़ !!
ऊपर और ऊपर सूरज है
आँखे मिला और आगे बढ़ !!
आसमान तुझे देखता है यार
तू आगे बढ़ बस आगे बढ़ !!
जमीन पर कदम दबा के रख
और बढ़ता चल,तू आगे बढ़ !!
मौत से जीस्त कभी कम नहीं
तू आगे बढ़-सीमा आगे बढ़
हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएं
ReplyDeleteमुझ से पहले जीतने भी साहित्यप्रेमियों ने आपकी इस उपलब्धि पर आपकी शान में लिखा है मै उन सब का हार्दिक आभारी हूँ क्यूंकि मेरे पास इतने शब्द नहीं थे ओर इन सब ने जो जो लिखा है उस सारे को एक बार फिर सी पढ़ कर देखना मै भी यही कहना चाहता हूँ ओर मेरे बाद जो टिप्पणीकर्ता आयेंगे उनका भी धन्यवाद क्यूंकि जो हम सब न कह लिख सके वो वे लिख देंगे ...............
ReplyDeleteकितने भाग्यशाली हैं वो लोग जो इस समारोह में शामिल हुए ओर .....खैर हम तो पूरा रिपोर्ताज पढ़ कर कल्पना ही कर सकते हैं ................
एक दम नयी रचना जो खुल नहीं रही उसके लिए भी शुभकामनायें
/वक़्त की गर्द से परे"* *वक़्त की गर्द से परे* *एक पल तुमको सुन लेती* *तारो की आगोश में छिप पर* *अक्स तुम्हारा मन में धर लेती * *प्रेम ठिठोली चंदा की अठखेली * *संग तुम्हारे अंक में भर लेती..* *एक पल तुमको.../
सादर
bahut bahut badhaai mem,
ReplyDeletebahut achcha lagaa ye dekh kar ki aap ko itna badaa manch aur itne mahaan shaayron ka saanidhya praapt hua
aap ki pustak ke prakaashan aur buski safalta ke liye hardik shubhkaamnaaen.
"usko sohrat bhi mili..aur wo badaa itna hua ...
ki mera wo "dost" mujh se faanslaa rakhne lagaa.."
bahut khushi hui mem..
mann
09675747219
चलिए आप अच्छे काम में व्यस्त थे:)
ReplyDeleteमेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।
Seema ji,
ReplyDeletebahut bahut badhayi aapko .... aapki pustak padhne ki lalasa bharat jaane par puri karungi......
bahut bahut badhayee ho...kitna achha kaha aapne...khwaab jo dekha bhi nai wo poora ho gaya..sachmuch hindi blogging ki taakat kuch aisi ho rahee hai :)
ReplyDeleteबधाई, आपकी site बहुत ही colour full है ,जो बिरले ही देख्ने मिलता है। लाजवाब colour full site . काश मेरी भी सिते ऐसी रंगीन हो पाती।
ReplyDeletebahut bahut badhai! maine ye abhi dekha... aur aap is samaroh mein bahut sundar lag rahi hain..
ReplyDeletewaah sima ji-i m proud of you
ReplyDeleteseema ji pehle to deri ke liye chama chaunga.
ReplyDeletewese to aapki virha ke rang ki sabhi rachnaye padh kar aapko phle hi badhiya de chuka hu, magar yaha ye sab nhi dekh paya tha pata nhi kese but yaha miss kar gaya tha
kher aapko meri traf se dhero badhiya