12/18/2008

'"नवभारत टाईम्स का आभार "

'"नवभारत टाईम्स का आभार "

" मेरी रचना "ख्वाबों के आँगन " को नवभारत टाईम्स ने १७/१२/२००८ अपनी साइट http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3846072.cms#write पर जगह देकर मुझे जो मान सम्मान दिया है, उसके लिए मैं सम्पादक जी की दिल से आभारी हूं." अपने अभी पाठको का तहे दिल से शुक्रिया जिन्होंने इस रचना को पढ़कर मुझे एक बार फ़िर से प्रोत्साहन और आशीर्वाद दिया है"

'आभार'

33 comments:

  1. छपना मुबारक हो जी ! हा हा हा हा ....

    ReplyDelete
  2. bahut bahut badhayee Seema ji.bahut khushi hui yah khabar dekh kar.kavita to achchee hai hi.

    aur bhi aagey aisey hi badhti rahen.dheron shubh kamnayen :)

    ReplyDelete
  3. Well deserved.

    बहुत बधाई!!!

    ReplyDelete
  4. आपको बधाई।
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  5. हमने भी कल नव भारत मे आपकी रचना पढी थी ! आपको बहुत बधाई और एक बात कहना चाहुंगा कि नवभारत ने आपकी रचना छापकर आपके साथ साथ खुद का भी मान बढाया है !

    मुझे तो इतनी खुशी हो रही है कि जैसे आपने हम सब ब्लागर्स का मस्तक ऊंचा कर दिया है ! आपको बहुत बहुत बधाई और आप जीवन मे खूब उन्नति करे यही शुभकामना है !

    राम राम !

    ReplyDelete
  6. बहुत बधाई!!

    शुभकामनाएं भविष्य के लिये!

    ReplyDelete
  7. इस कविता का हर शब्द ...(शायद निःशब्द हो गया हूँ )
    बधाई नही अपितु हर्ष व्यक्त करना चाहता हूँ

    ReplyDelete
  8. congratulations!!!
    dil se...
    ---meet

    ReplyDelete
  9. Congrats.....isi tarah likhte rahe...
    hamaari taraf se haardik bhadhaayi......

    ReplyDelete
  10. आदरणीय सीमाजी,
    सर्वप्रथम आपको बहुत बहुत बधाई. य़े बहुत सुखद खबर है जी, के आख़िर पत्र भी हमारे ब्ला॓गजगत को सम्मानित स्थान देने लगे. आप तो वैसे भी हम सबकी पसन्दीदा कवियित्रि हैं और अब आगे इसी तरह आपका नाम रोशन होगा, इसी कामना के साथ.

    ReplyDelete
  11. सीमा गुप्ता जी आपको बहुत-बहुत बधाई, दिल से.

    ReplyDelete
  12. सीमा जी आपको बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  13. ham sabhi ke liye bahut harsh ki baat hai, aapko badhai

    ReplyDelete
  14. शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  15. आपकी सुंदर रचना को नवभारत टाइम्स में स्थान प्राप्त होने पर कहना ही पड़ेगा कि
    बहते दरिया की भूमि पर
    एक नींव बनी अरमानों की
    और वही दूसरी ओर नवभारत टाइम्स से कहना पड़ेगा कि
    हर तृष्णा को पा लेने की
    निरर्थक एक प्रयास किया
    साथ ही हम टिप्पणीकारों के लिए आपने ठीक ही कहा है कि
    ख्वाबों के आंगन ने अपना
    कुछ ऐसे फ़िर विस्तार किया।

    ह्रदय से हार्दिक बधाई.

    चन्द्र मोहन गुप्त

    ReplyDelete
  16. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना है हमेशा की तरह। बधाई हो।
    अभी नवभारत टाईम्स पर यह कविता पढ़ी, बहुत अच्छी लगी। आपकी सभी रचनाएं स्तरीय होती हैं। हिंदी-ब्लॉग और हिंदी साहित्य में आपकी रचनाओं का हमेशा सम्मान रहेगा।

    ReplyDelete
  17. बहुत-बहुत बधाइयां । अभिनन्‍दन ।

    ReplyDelete
  18. सीमा जी, आपको बहुत बधाई!

    ReplyDelete
  19. बारम्‍बार बधाई जी वैसे हम भी नवभारत में छप चुके हैं कमेंट के रूप में हा हा हा

    ReplyDelete
  20. badhai.
    apaka blog behad sundar hai.
    wakai.

    ReplyDelete
  21. seema ji humari traf se bhi dhero badhiya, ish rachna ki bhi or navbharat main chapi us rachna ki bhi.....

    ReplyDelete
  22. Congrats! Your poetry exudes honesty and expression!

    ReplyDelete

"Each words of yours are preceious and valuable assets for me"