
" मेरी रचना "ख्वाबों के आँगन " को नवभारत टाईम्स ने १७/१२/२००८ अपनी साइट http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3846072.cms#write पर जगह देकर मुझे जो मान सम्मान दिया है, उसके लिए मैं सम्पादक जी की दिल से आभारी हूं." अपने अभी पाठको का तहे दिल से शुक्रिया जिन्होंने इस रचना को पढ़कर मुझे एक बार फ़िर से प्रोत्साहन और आशीर्वाद दिया है"
'आभार'
badhai
ReplyDeleteछपना मुबारक हो जी ! हा हा हा हा ....
ReplyDeletebahut bahut badhayee Seema ji.bahut khushi hui yah khabar dekh kar.kavita to achchee hai hi.
ReplyDeleteaur bhi aagey aisey hi badhti rahen.dheron shubh kamnayen :)
बधाई हो।
ReplyDeleteWell deserved.
ReplyDeleteबहुत बधाई!!!
आपको बधाई।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
हमने भी कल नव भारत मे आपकी रचना पढी थी ! आपको बहुत बधाई और एक बात कहना चाहुंगा कि नवभारत ने आपकी रचना छापकर आपके साथ साथ खुद का भी मान बढाया है !
ReplyDeleteमुझे तो इतनी खुशी हो रही है कि जैसे आपने हम सब ब्लागर्स का मस्तक ऊंचा कर दिया है ! आपको बहुत बहुत बधाई और आप जीवन मे खूब उन्नति करे यही शुभकामना है !
राम राम !
बहुत बधाई!!
ReplyDeleteशुभकामनाएं भविष्य के लिये!
इस कविता का हर शब्द ...(शायद निःशब्द हो गया हूँ )
ReplyDeleteबधाई नही अपितु हर्ष व्यक्त करना चाहता हूँ
बहुत बहुत !!!!
ReplyDeletecongratulations!!!
ReplyDeletedil se...
---meet
Congrats.....isi tarah likhte rahe...
ReplyDeletehamaari taraf se haardik bhadhaayi......
बधाई..........
ReplyDeleteबहुत बधाई जी आपको !
ReplyDeleteआदरणीय सीमाजी,
ReplyDeleteसर्वप्रथम आपको बहुत बहुत बधाई. य़े बहुत सुखद खबर है जी, के आख़िर पत्र भी हमारे ब्ला॓गजगत को सम्मानित स्थान देने लगे. आप तो वैसे भी हम सबकी पसन्दीदा कवियित्रि हैं और अब आगे इसी तरह आपका नाम रोशन होगा, इसी कामना के साथ.
सीमा गुप्ता जी आपको बहुत-बहुत बधाई, दिल से.
ReplyDeleteसीमा जी आपको बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं
ReplyDeleteबधाई !
ReplyDeleteबधाई हो जी!
ReplyDeleteham sabhi ke liye bahut harsh ki baat hai, aapko badhai
ReplyDeletebadhai!
ReplyDeleteशुभकामनाएं
ReplyDeleteबधाई हो!
ReplyDeletebadhai aur shubhkaamnaa..
ReplyDeleteआपकी सुंदर रचना को नवभारत टाइम्स में स्थान प्राप्त होने पर कहना ही पड़ेगा कि
ReplyDeleteबहते दरिया की भूमि पर
एक नींव बनी अरमानों की
और वही दूसरी ओर नवभारत टाइम्स से कहना पड़ेगा कि
हर तृष्णा को पा लेने की
निरर्थक एक प्रयास किया
साथ ही हम टिप्पणीकारों के लिए आपने ठीक ही कहा है कि
ख्वाबों के आंगन ने अपना
कुछ ऐसे फ़िर विस्तार किया।
ह्रदय से हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना है हमेशा की तरह। बधाई हो।
ReplyDeleteअभी नवभारत टाईम्स पर यह कविता पढ़ी, बहुत अच्छी लगी। आपकी सभी रचनाएं स्तरीय होती हैं। हिंदी-ब्लॉग और हिंदी साहित्य में आपकी रचनाओं का हमेशा सम्मान रहेगा।
बहुत बधाई!!!
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाइयां । अभिनन्दन ।
ReplyDeleteसीमा जी, आपको बहुत बधाई!
ReplyDeleteबारम्बार बधाई जी वैसे हम भी नवभारत में छप चुके हैं कमेंट के रूप में हा हा हा
ReplyDeletebadhai.
ReplyDeleteapaka blog behad sundar hai.
wakai.
seema ji humari traf se bhi dhero badhiya, ish rachna ki bhi or navbharat main chapi us rachna ki bhi.....
ReplyDeleteCongrats! Your poetry exudes honesty and expression!
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