हर पल की जुदाई से तो अच्छा होता, एक पल भी जुदा न होता तेरी अदा को देखते रहने के लिये हर लम्हा थम सा गया होता। सीमा जी आप न सिर्फ सुन्दर हैं आपके हृदय में छुपे हर शब्द मानो कुछ बयान कर रहें हैं शम्भु
सबको कहाँ मिलती हैं बद- दुआओं की भी खैरातें... कुछ लोग तो इस लायक भी नहीं होते ... सहे चले जाते हैं उपेक्षाओं के दंश.... ये अपनपी बात किसी से नहीं कहते !!
Wah ji wah, gagar men sagar ?
ReplyDeleteबहुत ख़ूब...
ReplyDeleteकविता बहुत बढीया है!!
ReplyDeleteपेज रैंक चेक करने के लीये http://www.prchecker.info/check_page_rank.php
ईस लीक से पेज रैंक चेक कीया जा सकता है।
bad dua ki khairaat
ReplyDeletedi to usne
kya pataa
uskaa khjaanaa
khli ho gayaa ho ye dekar
बहुत बढीया कविता है और ईस कविता की खूबी है की ये एक लाईन का है।
ReplyDeleteमेरे पहले कमेंट मे नीचे वाला लींक जो दीया है वो गलती से ईसमे पेस्ट हो गया था।
मैं अब क्या कहूँ दो पक्तियां ही बया कर रही सब कुछ । बहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteबहुत उम्दा...
कम शब्दों मे बहुत बडी बात कह दी आपने।
ReplyDeleteक्या बात है सीमाजी ! अहा ! ज़ोरदार शेर !
ReplyDeleteकुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
ReplyDeleteबददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....
नमन आपको और ढेर सारी शुभकामनाएं !
बहुत खूब!
ReplyDeletebaddua bhi dete hain khairat ki tarah- bhai wah
ReplyDeleteबहुत सुंदर ! धन्यवाद !
ReplyDeleteye bhi ek andaaj hai....
ReplyDeletewaah!! kya baat hai...khuub
ReplyDeleteआप का अंदाज ही अलग है.... दो शव्दो मे पुरी कहानी कह देती है,
ReplyDeleteबददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह ....
धन्यवाद
Oh kya baat hai .
ReplyDeleteKafiya aacha ban pada hai, umeed hai poori gazal padhne ko bhi milegi. meri shubkamnayen.
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteलिखते हो हर लफ्ज़ जादुई करामात की तरह
ReplyDeleteहम दीवाने हुए जाते है दीवाने ख्यालात की तरह
do line me kya jabardast baat sameti hai - Wah Wah aur Ek baar aur Wah
ReplyDeleteबहुत कंजुस है आप.. :)
ReplyDeleteबड़ी-बड़ी बातों के लिये इतने कम शब्द..
बहुत खुब..
सुंदर शेर बधाई हो
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं
बहुत उम्दा,बधाई.
ReplyDeleteबरबस ही मुस्कान आगई आपको पढ़ कर !
ReplyDeletekam lafzon me kitna kuchh kah gaye aap......
ReplyDeletewah, wah, wah.
ReplyDeletehttp//www.ashokvichar.blogspot.com
सीमा जी,
ReplyDeleteअच्छी पंक्तियाँ हैं। अपनी दो पंक्तियां इसी भाव भूमि पर आपके लिए-
मिलती है खुशबू सुमन को रोज अब खैरात में।
जो फकीरी में लुटाते अब यहाँ फिर कल वहाँ।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
itni tippaniyon me meri tippani kee kya okat,kalyan ho
ReplyDeleteji bahut hi badhiya .
ReplyDeletejitna kam shabdo hai. utni hai sarthakta se paripuran hai.
Rakesh Kaushik
हर पल की जुदाई से तो अच्छा होता,
ReplyDeleteएक पल भी जुदा न होता
तेरी अदा को देखते रहने के लिये
हर लम्हा थम सा गया होता।
सीमा जी आप न सिर्फ सुन्दर हैं
आपके हृदय में छुपे हर शब्द
मानो कुछ बयान कर रहें हैं
शम्भु
मजा आ गया इसे तो पढ़कर!
ReplyDeleteकुछ ऐसे बदल गये हैं वो हालात की तरह,
ReplyDeleteबददुआ भी देतें हैं, तो खैरात की तरह .....
bahut achchha likha hai badhai
shahid samar
ek mukammal andaj aapka... aapse request hai ke aap se puri ghazal me tabdil karen... bahot hi sundar hai...
ReplyDeleteregards
bahut kuhb likha ahi seema ji,
ReplyDeletebeautiful
सबको कहाँ मिलती हैं बद- दुआओं की भी खैरातें...
ReplyDeleteकुछ लोग तो इस लायक भी नहीं होते ...
सहे चले जाते हैं उपेक्षाओं के दंश.... ये अपनपी बात किसी से नहीं कहते !!