

जिन्दगी की धुप ने झुलसा दिया,
एक शीतल छावं की तलाश है...
रंज उल्फ़त नफरत से निबाह किया,
एक दर्द-मंद दिल की तलाश है.......
रास्तों मे मंजिलें भटक गईं ,
रास्तों मे मंजिलें भटक गईं ,
एक ठहरे गावं की तलाश है .........
http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/08/blog-post_1172.html
vah bhut hi gahari baat kahi aapne. ati uttam.
ReplyDeleteशहर का शहर जब भटक रहा हो सड़कों पर
ReplyDeleteगाँव की, दश्त की, अपनी .. कमी सताती है
What should be a comment on this ? actually no comment can do justice with these lines yaar....you are truely devoted to writing and each time you pick the pen , a new wonder born......keep it up seema......very nice lines.....
ReplyDeleteaapki kalm ko kisi ki nazar na lage
ReplyDeleteबहुत खूब। बहqत अच्छा।
ReplyDeleteरास्तों मे मंजिलें भटक गईं ,
ReplyDeleteएक ठहरे गावं की तलाश है .........
बहुत अच्छी रचना है हर आदमी को तलाश है अपने वजूद की ....
रहा उम्र भर मै जिसकी तलाश में,
मरते दम पता चला,
वो रहते थे दिल के पास में
साया मिला तो धुप का एहसास हो गया"....यह कभी मैने अपनी डेयरी के कवर पर लिखा . ..........आज आप की कलम साकार होता हुआ है .
ReplyDeleteझुलसे है चेहरे ,साए की तलाश , आप के चित्रों में में बहोत चमत्कारी लगता है ................मुझे अनायास ही एक गीत की पंक्ति की गुनगुनाहट महसूस होने लगती है.....वो सुबह कभी तो आएगी जब का आँचल ढलकेगा ...........और सोचता हूँ हूँ तलाश मंजिल तक टो पहुंचायेगी ........
तलाश…………
ReplyDeleteयह तलाश ही तो है जो हमसे सब कुछ करवाती है।
बढ़िया रचना।
बहुत सुंदर सीमा जी. बधाई. इसमे कुछ जोड़ते हुए -
ReplyDeleteप्यार की डगर पे कभी थके नहीं.
मुझे वैसे ही पांव की तलाश है..
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
seemaji
ReplyDeleteAapaki khubsurat panktiyan padh kar jane kyon Munawwar Rana ka ek sher sunane ka man ho aya jo is tarah hai
AMEERE SHAHAR KA RISTE MEN KOI KUCHH NAHIN LAGATA
GARIBI CHAND KO BHI APANA MAMA MAN LETI HAI
ek thahre gaanv ki talaash hai...bahut achhe .....
ReplyDeletebas ek mashvara in panktiyo ke beech gap na de...
बहुत अच्छा।
ReplyDeleteजिन्दगी की धुप ने झुलसा दिया,
ReplyDeleteएक शीतल छावं की तलाश है...
apki lekhani har baar padhane ko man karata hai . bahut sundar abhivyakti .
रंज उल्फ़त नफरत से निबाह किया,
ReplyDeleteएक दर्द-मंद दिल की तलाश है.......
umdda bat kahi hai aapne bahot badhiya hai,sonch kafi gahari hai talash bhi kafi jabardast hai mushkil hai namumkin nahi ,,bahot achhi rachana hai seema jee.........
regards
"Arsh"