8/03/2008

"जरूरी तो है"










"जरूरी तो है"
मुझको मिले तेरा प्यार ये जरूरी तो है,
तेरे दिल पे हो मेरा इख्त्यार ये जरूरी तो है,
दर्द कितना भी सताये है, मुझे पर वो तेरा है,
तेरे गम मे हो मेरा दामन तार तार ये जरूरी तो है.
कोई भी एक पल तेरे बगैर सोचु भी तो मैं कैसे,
हर घड़ी हो तेरा मेरा साथ ये जरूरी तो है
जिसकी झलक पाने को सदयीओं से ये ऑंखें थमी हैं,
मैं करू उसका जिन्दगी भर इंतजार, ये जरूरी तो है.
तू है मेरी सांसों मे मुझे हर नब्ज कहती है,
मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है.
ये इंतजार भी तेरा, ये आंसू भी तेरा, ये गम भी तेरा.....
ये प्यार भी तेरा , ये ऐतबार भी तेरा ये.............
फिर क्यों न करूं किस्मत से तकरार ,
"ये जरूरी तो है"

14 comments:

  1. vakai bhut jaruri nhai. bhut sundar rachana badhai ho.

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  2. चाहे हो हममे गहरी दोस्ती,
    इसमे भरोसा ज़रूरी तो है,
    हम तो समझते है मगर,
    रिश्ते का नाम ज़रूरी तो है,
    वो अक्सर आती है यादो में,
    यादो में उसकी खुश्बू ज़रूरी तो है

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  3. तू है मेरी सांसों मे मुझे हर नब्ज कहती है,
    मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है.

    bahut sundar!

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  4. तू है मेरी सांसों मे मुझे हर नब्ज कहती है,
    मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है.


    अगर पढें हम इतनी अच्‍छी बेमिसाल कविता तो
    दो चार कमेंट करना भी हमारे लिए जरूरी है
    बहुत खूब

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  5. तू है मेरी सांसों मे मुझे हर नब्ज कहती है,
    मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है।
    सुंदर, अति सुंदर।

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  6. कोई भी एक पल तेरे बगैर सोचु भी तो मैं कैसे,
    हर घड़ी हो तेरा मेरा साथ ये जरूरी तो है

    मित्रता दिवस पर इतनी मित्र भावपूर्ण रचना देख कर दिल खिल गया है. कोई दर्द, गम ,आंसुओं का शिकवा भी नहीं है सब कुछ कितनी सहजता से अपने प्रियतम के नाम कर देना ,और उस पर अपना पूर्ण अधिकार, सम्पूर्ण प्रभुसत्ता का दावा आशावाद का बेहतरीन नमूना प्रतीत होता है
    सीमा जी का भावपूर्ण कलाम पाकर सलाम करना जरुरी तो है

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  7. aapse aur aapki shayri se milkar achcha laga.
    ye hamari qismat bhali k aaj bhatak-bhatakte is taraf rukh ho gaya.thanx god.
    bahut umda likhti hain drde-byaan apna.

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  8. सीमा जी, सीमा जी , सीमा जी,
    कविता कहाँ से उपजी है? हृदयोद्गार का स्रोत क्या है? कवि मन कहाँ पर आकर ........कविता कहना "ज़रूरी तो है"....की भावना से प्रेरित हो उठा?.................................अनायास ही आप की पंक्तियाँ पढ़ते प्रश्न उठते हैं. लगता है केन्द्रीय स्रोत " मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है.मैं करूं तुझे हर पल टूट के प्यार ये जरूरी तो है" जो पूरी कविता का जनक भाव प्रतीत होता है . और भावना के प्रवाह में आप इतनी सहजता से पाठक को भाव्लिप्त कर देती हैं ....................आप की लेखनी का कमाल है,
    एक बात और है ...............................शाएरी उदासी ,दर्द ,ग़म , परेशानी के बयां से निकल कर जब कोई हल पेश करती है तो लगता है कोई कसर रह नहीं गई पूरी होने में .........................एक दृढ़ संकल्प "क्यूँ न किस्मत से तकरार.................ज़रूरी तो है" द्योतक है इसका.
    हाँ आखरी बात...................................................................आप बहुत अच्छा लिखती है और अच्छी तरह लिखती हैं...................................बहुत मेह्जूज़ करती हैं...........................तहे दिल से शुक्रिया.

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  9. "तेरे गम मे हो मेरा दामन तार तार ये जरूरी तो है." वाह वा...
    एक शेर याद आ गया...
    उम्र में जलवों में बसर हो ये जरूरी तो नहीं
    हर शब्-ऐ-गम की सहर हो ये जरूरी तो नहीं
    बहुत बढ़िया रचना लगी आप की...बहुत बहुत बधाई...
    नीरज

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  10. ye jaruri to hai,

    bahut hi kuhb likha haiseema ji,

    itna pyar karna ye jaruri to hai, tabhi to jine ka maja hai.

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  11. लिखा है क्या आपने ,हम देख हुए हैरान
    कबीरा ऐसे लोगों की कलम से चले भगवान
    बहुत ही सुन्दर रचना देखने को मिली और एक दोहा भी लिख डाला आशा है आप इसे कबूल करेंगे,

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  12. umdda rachana hai ,padhane ke bad esa laga jaise meri gazal ka jawab ho(mujhako bhi mile pyar tera zaruri to nahi) magar dono me kafi antar hai...ek umara ka antar hai .........,badhai ho is rachana k liye seema jee.....


    regards
    "Arsh"

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