"हथेली पे उतारा हमने"
रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
कभी माथे पे टिकाया
कभी कंगन पे सजाया
आँचल में टांक के मौसम की तरह
अपने अक्स को संवारा हमने
रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
सुना उसकी तन्हाई का सबब
कही अपनी दास्तान भी
तेरे होटों की जुम्बिश की तरह
पहरों दिया सहारा हमने
रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
अपने अश्को से बनाके
मोहब्बत का हँसीं ताजमहल
तेरी यादों की करवटों की तरह
यूँ हीं एक टक निहारा हमने
रात भर चाँद को चुपके से
हथेली पे उतारा हमने
10/11/2010
"हथेली पे उतारा हमने"
एक खुबसूरत रूहानी से मंजर की कल्पना करते हुए, उस चाँद को जो न जाने कितनी दूर है मगर हर पल उतना ही करीब होने का एहसास करा जाता है , अगर अपने सामने आपने पास अपनी हथेलियों की कम्पन में महसूस कीया जाए तो कैसा लगता होगा ना. इस दिलनशीन पल की कल्पना को मेरे साथ यहाँ सुनिए.....
Apun wishing you a wonderful, super duper, zabardast, xtra bariya, xtra special ekdum mast n dhinchak bole to ekdum jhakaas, JANAM DIN mubarak ho.. aap hamesha khush rahe ..HAPPY BIRTH DAY .........
ReplyDeleteसुना..............डूबे.......फिर पढ़ा....उबरे...डूबे.....फिर डूबे....
ReplyDeleteबहुत खूब!
बहुत सुन्दर ...चाँद को उतारा ...इसीलिए हमें शायद अमावस नज़र आई :):)
ReplyDeleteतुम्हारा और मेरा जन्मदिन एक ही दिन और एक ही वर्ष का है और समय ने तय किया कि मैं कुछ घंटे बड़ा हूं । सो छोटी बहन को जन्मदिन की शुभकामनाएं । खुश रहो, मुस्कुराती रहो ।
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत. जन्म दिन पर ढेरों शुभकामनाएं.
ReplyDeleteis chand si nazm ki chamak dil mein bas gayi hai..amazing!
ReplyDeleteवाह वाह बहुत सुन्दर जन्मदिन की ढेरो बधाई और ढेरों शुभकामनाएं ..खुश रहे ,स्वस्थ रहे हमेशा यही दिल से दुआ है ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .\...................
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
'तुम जिया हजारों साल साल के दिन हों पचास हज़ार!'यूँ ही हँसती रहो मुस्कराती रहो...गुनगुनाती रहो..लुभाती रहो...दिल से दुआएं एक बार फिर से..
seema ji tusi te kamaal kar ditta !!
ReplyDeleteरात भर चाँद को चुपके से
ReplyDeleteहथेली पे उतारा हमने
कभी माथे पे टिकाया
कभी कंगन पे सजाया
आँचल में टांक के मौसम की तरह
अपने अक्स को संवारा हमने
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बहुत ही मखमली अभिव्चक्ति प्रस्तुत की है आपने तो!
अरे जन्मदिन की बधाई तो देना भूल ही गया!
ReplyDelete--
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
अरे जन्मदिन की बधाई तो देना भूल ही गया!
ReplyDelete--
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत ही सुंदर रचना, हमारी तरफ़ से आप को जन्म दिन पर बधाई ओर ढेरों शुभकामनाएं.
ReplyDeleteचांद को हथेली पर उतार कर उसकी तनहाई का सबब पूछना- ये अद्भुत कल्पना आपके मन में कैसे आई...बहुत सुंदर कविता ..बधाई।
ReplyDeleteजितनी खूबसूरत रचना ..सुनकर उसका आनंद दुगना हो गया.
ReplyDeleteबेहद सुन्दर कविता , आज मैंने भी गीत ग़ज़ल वाले ब्लॉग पर चंदा को संबोधित करते एक रचना लिखी है ...तो आज का दिन चाँद के नाम ...
ReplyDeleteजन्मदिवस की असीम शुभकामनाएं ...
bahut hi behatrin seema ji aanand aa gaya sunkar aur padhkar
ReplyDeleteआप सभी आदरणीय जनों के आशीर्वाद और शुभकामनाओ के लिए आभारी हूँ.
ReplyDeleteregards
ओह , मुझे तो पता ही नहीं था कि कल आपका जन्मदिन था ....चलिए देर से ही...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteit's nice poetic story.
ReplyDeleteLovely to read and a bit frustrated to read u after so much time gap. but it's owesome.
I think it's a bit late but even than Wish You a Belated "Happy Birthday" I wish that you get what u dream for.
किसी दूसरी दुनिया में .. एहसास की गहरी दुनिया में डुबो ले जाती है आपकी रचना .... चाँद की तन्हाई का सबब और अपनी तन्हाई का सबब ... कभी कभी एक दूसरे का सहारा बन जातीं हैं ...
ReplyDeleteआपको जनम दिन की बहुत बहुत बधाई ....
बहुत सुन्दर कविता !
ReplyDeleteबहुत ही मोहक ब्लाग !
अब यही रह गया था ... की मैं सबसे आखिर में आऊं मुबारकवाद देने ... खुद की गलती कहूँ या आप पर थोप दूँ ? मुझे पता ही नहीं चला ... खैर जन्म दिन की ढेरो बधाईयाँ ...
ReplyDeleteसंग मरमर सा है बदन जिसका
उसको मैं ताजमहल कहता हूँ ! :)
अर्श
@ अर्श जी, मुबारकबाद भी और शिकायत भी हा हा हा हा हा. आप कहाँ आखिर में आये, हम आ गये फिर से आप सभी का शुक्रिया अदा करने....
ReplyDelete"chere up"
Regards
आपकी आवाज़ गज़ब की है ! हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteसीमा जी, आपकी आवाज़ वाकई बहुत प्यारी है। आपने जिस शिद्दत से इस कविता को गाया है, उसने कविता में पाँच चाँद लगा दिये हैं।
ReplyDelete* चार चाँद पुराना मुहावरा है।
................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।
behataren rachna ke liye badhai
ReplyDeletevery nice post madam badhai
ReplyDeleteअपका जन्म दिन और हमे पता ही नही चला। बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें\ वैसे सीमा जी ये चाँद तो हथेली पर आप ही उतार सकती हैं । बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteबधाई।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति| जन्मदिन की शुभकामनाएं!
ReplyDeleteबधाई।
ReplyDeleteBohot Badhiya post tha :)
ReplyDeleteHope you like my post - When love calls
Take care :)
Sorry for my bad english. Thank you so much for your good post. Your post helped me in my college assignment, If you can provide me more details please email me.
ReplyDeleteसीमा जी ऊपर वाला भी आप पर कद्रदान है मज़ा आ गया आप की गज़ल पढ़ कर,
ReplyDeleteकलम भी कद्रदान है उन पर अल्लाह भी
कहा लोगो से की सीमा को कही देखा है तो कहते है कि दिल में मेरे जो खीची रेखा है वहीं सीमा है,
आपकी लेखनी मं गज़ब का तेज है।
कभी मेरे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करिए अच्छा लगेगा।
रजनीश त्रिपाठी "चंचल"
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteतेरी यादों की करवटों कि तरह, सुन्दर ।
ReplyDelete10 दिन देर से ही सही जन्म दिन की बधाई।