3/30/2009
अश्कों का दीया
"अश्कों का दीया"
रात गमगीन रही
दिल वीरान रहा
कितना खामोश ये आसमान रहा
सिसकियों की सरगोशियाँ उफ़
"अश्कों का दीया "
अंधेरों मे मेहरबान रहा
http://vangmaypatrika.blogspot.com/
3/23/2009
'मधुर एहसास "
"मधुर एहसास "
चंचल मन के कोने मे
मधुर एहसास
ने ली जब अंगडाई,
रेशमी जज्बात का आँचल
पर फैलाये देखो फलक फलक...
खामोशी के बिखरे ढेरो पर
यादों के स्वर्णिम प्याले से
कुछ लम्हे जाएँ छलक छलक...
अरमानो के साये से उलझे
नाजों से इतराते ख़्वाबों को
चुन ले चुपके से पलक पलक...
ये मोर पपीहा और कोयल
सावन में भीगी मस्त पवन
रास्ता देखे कब तलक तलक...
रात के लहराते पर्दों पे
नभ से चाँद की अठखेली
छुप जाये देके झलक झलक...
http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/S/SeemaGupta/madhur_ehasas.htm
http://swargvibha.0fees.net/june2009/Kavita/seema%20gupta.html
3/16/2009
"वादों के पुष्प"
"वादों के पुष्प"
बिखेरता रहा वादों के पुष्प वो
मै आँचल यकीन का बिछाये
उन्हें समेटती रही....
अपने स्पर्श की नमी से वो
उन पुष्पों को जिलाता रहा
मै मासूम शिशु की तरह
उन्हें सहेजती रही......
हवाओं को रंगता रहा वो
इन्द्रधनुषी ख्वाबो की तुलिका से
मै बंद पलकों मे
उन्हें बिखेरती रही ....
आज सभी वादों का वजूद
अपना आस्तित्व खोने लगा .......
मै अवाक टूटते मिटते हुए
उन्हें देखती रही........
http://swargvibha.0fees.net/july2009/Kavita/seema%20gupta.html
3/09/2009
"होली की शुभकामनाये "
"होली की शुभकामनाये "
रंग उडाये पिचकारी
रंग से रंग जाये दुनिया सारी
होली के रंग
आपके जीवन को रंग दे,
ये शुभकामनाये है हमारी.....
पिचकारी की धार
गुलाल की बौछार
अपनों का प्यार यही है
होली का त्यौहार
3/02/2009
"तुम चाहो तो"
"तुम चाहो तो"
एक अधूरे गीत का
मुखडा मात्र हूँ,
तुम चाहो तो
छेड़ दो कोई तार सुर का
एक मधुर संगीत में
मै ढल जाऊंगा ......
खामोश लब पे
खुश्क मरुस्थल सा जमा हूँ
तुम चाहो तो
एक नाजुक स्पर्श का
बस दान दे दो
एक तरल धार बन
मै फिसल जाऊंगा......
भटक रहा बेजान
रूह की मनोकामना सा
तुम चाहो तो
हर्फ बन जाओ दुआ का
ईश्वर के आशीर्वाद सा
मै फल जाउंगा.....
राख बनके अस्थियों की
तिल तिल मिट रहा हूँ
तुम चाहो तो
थाम ऊँगली बस
एक दुलार दे दो
बन के शिशु
मातृत्व की ममता में
मै पल जाऊंगा .....
http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/S/SeemaGupta/tum_chaho_to.htm
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