9/26/2008

इन्तहा-ऐ-मोहब्बत

"इन्तहा-ऐ-मोहब्बत"

इन्तहा-ऐ-मोहब्बत में ,

सहरा मे बसर हो जाएगा...

ये असरा-ऐ-जूनून लेकर ,

की वो दरिया है इश्क का,

कभी तो उतर आएगा ...

26 comments:

  1. seema ji jitna main sochta tha na har us nazariye se aapko comment kar chuka hu but ab to mujhe lag rha hai ke aap soch or feeling ka sagar ho main ek choti si nahar. me aapki thah (gehrai) kabhi nahi paa paunga. u r unbleivable fantastic.


    Rakesh Kaushik

    ReplyDelete
  2. वाह सीमा जी मान गये आपको. बहुत सुन्दर रचना. लिखती रहे.

    ReplyDelete
  3. एक लम्हे की रुखसती का समा , दिल मे जैसे उठा धुआं , शोलों की लपक , आँखों में दहक और उम्मीद का बुझता दीया
    bahut sunder

    ReplyDelete
  4. har baar apke likhane ka andaaj kuch hatakar rahata hai . very beautiful .nice thanks .

    ReplyDelete
  5. सीमा जी आपकी रचनाएँ सीधे दिल में उतर जाती हैं.बहुत कशिश है आपकी लेखनी में.
    आलोक सिंह "साहिल"

    ReplyDelete
  6. की वो दरिया है इश्क का,
    कभी तो उतर आएगा ...
    अत्यंत सुंदर...

    ReplyDelete
  7. आपके शेर पर टिप्प्णी शेर से ही कर रहा हूं..

    मौजे दरिया को अपनी मौज की तुकनानियों से काम
    कश्ति किसी की पार हो या कि फ़िर दर्मियान रहे

    ReplyDelete
  8. क्या बात है बहुत सुंदर लिखी है यह

    ReplyDelete
  9. जी हाँ इश्क के दरिया को तो उतरना ही है.....


    नीयते शौक ढल ना जाये कही
    तू भी दिल से उतर न जाये कही...

    ReplyDelete
  10. बेहतरीन, वाह वाह

    ReplyDelete
  11. की वो दरिया है इश्क का,
    कभी तो उतर आएगा ..

    बहुत सुंदर ! हमको तो आपकी चार लाइन
    रोज पढ़ने का एडिक्शन हो गया लगता है !
    और ये एक शायर/कवि की बहुत बड़ी उपलब्धी है !
    बहुत शुभकामनाए !

    ReplyDelete
  12. अति सुंदर रचना सीमा जी आजकल आप क्‍या कर रहे हो कुछ समझ में नहीं आता लिखते हो रोज अच्‍छा लिखते हो लेकिन थोडा कम लिखते हो बहुत बढिया

    ReplyDelete
  13. बहुत सुंदर रचना लिखी है।बधाई।

    ReplyDelete
  14. very nice
    इन्तहा-ऐ-मोहब्बत में ,
    सहरा मे बसर हो जाएगा...

    ReplyDelete
  15. आपकी ये चंद लाईना मर्मभेदी होती हैं !

    ReplyDelete
  16. की वो दरिया है इश्क का,
    कभी तो उतर आएगा ..

    bahut badhiya

    ReplyDelete
  17. ' I am highly thanful to all valuable readers for their presence and word of appreciation" I agree with Tau jee that it is a wonderful achievement of any writers if it attracts so many readers. But this achievement is only because of all of you and your support and encouragement which makes me more passionate to write few words daily" Once again thanks everyone for their wishes"

    Regards

    ReplyDelete
  18. काम की व्यवस्तता के कारण अक्सर देर से पढ़ पता हूँ आपको ,मुझसे पहले बहुत से गुणी पाठक अपने शानदार कमेंट्स लिख जाते है ...वही बातें जो कल थी वही शब्द जो हर रोज लिखे जाते है .
    खैर पाठको की भावनाएं है सर माथे पर .फिर आप लिखते ही इतना उम्दा हों की अनायास ही मुंह से वाह वाह निकल आता है.इस बार चित्र बहुत ही सटीक और प्रभावी लगे जैसे शब्द खामोश हों गए और ये वो सब कह गए जो आप कहना चाहते हों

    ReplyDelete
  19. सीमा जी आप की कलम को सलाम
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  20. हमारे आने से पहले ही महफ़िल उठी !

    दाद फिर भी हमारी लिए जाइएगा !!

    ReplyDelete
  21. सीमाजी, आपकी अदायगी तो लाजवाब है ही लेकिन एक और बात जो मुझे आपके ब्लॉग पर प्रभावित करती है..वह है चित्रों का चयन. काश यह चित्र बड़े साइज़ में भी उपलब्ध होते तो बड़ा अच्छा होता. बहरहाल..मैंने आपके ब्लॉग को बुकमार्क कर लिया है...उम्मीद है..आगे भी अच्छी-अच्छी रचनाएँ पढने को मिलेगी.

    ReplyDelete
  22. जो उतर गया ...
    वो इश्क कहाँ !!

    ReplyDelete

"Each words of yours are preceious and valuable assets for me"