पहचान एक बड़ा ही विवादास्पद विषय है आज यही पहचान तो खो रही है हम सब की ....नाम से कोई खास पहचान नहीं होती मशहूर अंग्रेज नाटककार विलियम शेक्सपियर ने तो यंहा तक कहा था -whats there is name? ना जाने कितनो के नाम सीमा होंगे मगर आप की जो पहचान है वह आपके काम से है ...आज आप सीमा होते हुए भी असीम हों ...आपके फन ने आप को जो पहचान दिलाई है उसने आपको अनेकों नाम अनेकों विशेषण दे डाले है ..कुछ कहावतें ये भी है "नाम बड़े और दर्शन छोटे " और "आँख के अंधे नाम नयनसुख " इसलिए नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा ,मेरी आवाज़ ही पहचान है ......... कशमकश से बाहर आइये और देखिये अच्छे काम हों तो नाम भी तरस जाते है की काश हम अमुक आदमी के नाम होते .... बहुत ही अच्छी शायरी लिखी है बधाइयाँ !
नाम से नहीं पहचान आपकी काम की बात तो काम से होती है है नाम से बढ़ कर काम आपका मुक्कमल ज़िन्दगी अंजाम से होती है शब्दों से सजा देते हों कायनात को आप रोशन मेरी सुबह आपके कलाम से होती है
नाम से हुई पहचान हमारी , या हमसे नाम का उन्वान हुआ, बडी पशोपेश मे रही जिन्दगी, क्या आगाज़ हुआ और, क्या अंजाम हुआ ??? लाज़बाब सीमा जी अत्यन्त सुंदर पंक्तिया गहरी भाव पूर्ण बात शुक्रिया मेहरबानी नैनो की विदाई नामक मेरी नई रचना पढने हेतु आपको सादर आमंत्रण है .आपके आगमन हेतु धन्यबाद नियमित आगमन बनाए रखें
humari pehchan humare kaam se or humare viyavhar se hoti hai isliye main yahi kahunga ki hum sabko apni pehchan ko banaye rakhne ke liye puri imandari rakhni chhiye.
वाह बहुत भावपूर्ण !
ReplyDeleteये मेहंदी हसन की गाई गजल का ये शेर भी तो देखिये -
उनके नाम से ही ताबिंदा है मेरा उन्वाने हयात
वरना कुछ न था बाकी मेरे अफ़साने में
बहुत खूब
ReplyDeleteसुंदर सवाल।
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteit's really a puzzle , n complicated but u handle it very well with emotions.
ReplyDeleteRakesh Kaushik
नाम से हुई पहचान हमारी ,
ReplyDeleteया हमसे नाम का उन्वान हुआ,
बहुत अच्छी पंक्तियां हैं...बधाई...
क्या आगाज़ हुआ और,
ReplyDeleteक्या अंजाम हुआ ???
बहुत खूब .चंद शब्दों में सुंदर बात कही आपने
pahchan ke sawal ne hi shayad osama ko paida kiya
ReplyDeleteबहुत खूब। शब्द और चित्र दोनों सुंदर हैं।
ReplyDeleteक्या आगाज़ हुआ और,
ReplyDeleteक्या अंजाम हुआ ???
क्या बात है??
जबरदस्त...
touch my heart...
बेहतरीन ! शुभकामनाएं !
ReplyDeletesundar bhav hai bahot hi sundar likha hai aapne seema ji.badhai
ReplyDeleteregards
Arsh
अति सुंदर !
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर शब्दों में सवाल दागा है सीमा जी बधाई
ReplyDeletebahut khoob..arvind ji tarah mere bhi dimag me ye sher aaya tha.
ReplyDeleteBahut badhiya.
ReplyDeleteबढ़िया.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर !!!!!!!
ReplyDeleteपहचान एक बड़ा ही विवादास्पद विषय है आज यही पहचान
ReplyDeleteतो खो रही है हम सब की ....नाम से कोई खास पहचान नहीं होती मशहूर अंग्रेज नाटककार विलियम शेक्सपियर ने तो यंहा तक कहा था -whats there is name? ना जाने कितनो के नाम सीमा होंगे मगर आप की जो पहचान है वह आपके काम से है ...आज आप सीमा होते हुए भी असीम हों ...आपके फन ने आप को जो पहचान दिलाई है उसने आपको अनेकों नाम अनेकों विशेषण दे डाले है ..कुछ कहावतें ये भी है "नाम बड़े और दर्शन छोटे " और "आँख के अंधे नाम नयनसुख "
इसलिए
नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा ,मेरी आवाज़ ही पहचान है .........
कशमकश से बाहर आइये और देखिये अच्छे काम हों तो नाम भी तरस जाते है की काश हम अमुक आदमी के नाम होते ....
बहुत ही अच्छी शायरी लिखी है बधाइयाँ !
नाम से नहीं पहचान आपकी
ReplyDeleteकाम की बात तो काम से होती है
है नाम से बढ़ कर काम आपका
मुक्कमल ज़िन्दगी अंजाम से होती है
शब्दों से सजा देते हों कायनात को आप
रोशन मेरी सुबह आपके कलाम से होती है
क्या बात हे दो शव्दो को घुमा फ़िरा कर एक खुब्सुरत बात कहना कोई आप से सीखे,
ReplyDeleteधन्यवाद
दो अल्फाज में बयान-ए-जिंदगी, बहुत खूब।
ReplyDeleteसुन्दर भाव प्रस्तुति। बधाई। रिजवाँ वास्ती साहब की दो पंक्तियाँ आपके लिए-
ReplyDeleteपहले ये ख्वाहिश थी कि लोग हमे पहचाने बहुत।
अब ये शिकवा है कि हम इतने पहचाने क्यों गए।।
सादर
श्यामल सुमन
बहुत खूब .चंद शब्दों में सुंदर बात कही आपने
ReplyDeleteYe nam hi to hai.., Jo hame.n Badnam nahi hone deti....
ReplyDeleteSeema Ji.., Badhai
Ye nam hi to hai.., Jo hame.n Badnam nahi hone deti....
ReplyDeleteSeema Ji.., Badhai
anjam bahut achcha hua hoga,
ReplyDeletekyonki aapki bhavnayen bahut achchi hai...
नाम से हुई पहचान हमारी ,
ReplyDeleteया हमसे नाम का उन्वान हुआ,
बडी पशोपेश मे रही जिन्दगी,
क्या आगाज़ हुआ और,
क्या अंजाम हुआ ???
लाज़बाब सीमा जी अत्यन्त सुंदर पंक्तिया गहरी भाव पूर्ण बात शुक्रिया मेहरबानी
नैनो की विदाई नामक मेरी नई रचना पढने हेतु आपको सादर आमंत्रण है .आपके आगमन हेतु धन्यबाद नियमित आगमन बनाए रखें
humari pehchan humare kaam se or humare viyavhar se hoti hai isliye main yahi kahunga ki hum sabko apni pehchan ko banaye rakhne ke liye puri imandari rakhni chhiye.
ReplyDeleteजवाब नहीं ....!!!!
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